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CBDT का बड़ा फैसला! इनकम टैक्‍स से जुड़े मामलों के पिछले विवादों को निपटाने के लिए बनाए 3 BAR, चेक करें डिटेल्‍स

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सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्‍ट टैक्‍सेस (CBDT) ने लेनदेन के आधार पर लागू होने वाले टैक्‍स में स्‍पष्‍टता और विवादों से बचने के लिए तीन बोर्ड्स फॉर एडवांस रूलिंग (BAR) का गठन किया है. सीबीडीटी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, 1 सितंबर 2021 से तीनों बोर्ड्स फॉर एडवांस रूलिंग के प्रावधान 1993 में गठित अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (AAR) की जगह ले लेंगे. बोर्ड ने अलग से जारी किए एक आदेश में कहा है कि इनमें से 2 बोर्ड्स दिल्‍ली (Delhi) में, जबकि एक मुंबई (Mumbai) में होगा. सीबीडीटी के मुताबिक, एएआर की जगह लेने वाले बीएआर आयकर से जुड़े मामलों का तेजी से निस्‍तारण करेंगे.

BAR के आदेश के खिलाफ कहां कर सकते हैं अपील
सीबीडीटी के मुताबिक, करदाता (Taxpayers) बीएआर के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट (High Courts) में याचिका दायर कर सकता है. एडवांस रूलिंग लेनदेन या प्रस्तावित लेनदेन के टैक्‍स परिणामों पर राय हासिल करने का तरीका है, जो करदाताओं को स्पष्टता प्रदान करता है और विवादों को कम करने में मदद करता है. बता दें कि वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में बीएआर के गठन का ऐलान किया था. इसका उद्देश्‍य एडवांस रूलिंग के प्रभाव को बढ़ाना है. मुख्‍य आयुक्‍त या इससे ऊपर की रैंक के दो अधिकारी इन बोर्ड के सदस्‍य होंगे.

मुकदमेबाजी को कम करना चाहता है सीबीडीटी
केंद्र सरकार इन बोर्ड और आवेदकों के बीच तकनीकी तौर पर व्‍यवहारिक सीमा तक इंटरफेस को खत्म करना चाहती है. केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड के लिए आयकर से जुड़ी मुकदमेबाजी को कम करना और पिछले विवादों को निपटाना प्राथमिकता बन चुकी है. सरकार पहले ही अदालतों में कर विभाग की ओर से अपील दायर करने के लिए मौद्रिक सीमा बढ़ा चुकी है. साथ ही विवाद समाधान योजना (Dispute Resolution Scheme) भी शुरू की थी. केंद्र ने इस योजना को ‘विवाद से विश्‍वास’ (Vivad se Vishwas) नाम दिया है. सरकार ने बजट में छोटे कर विवादों को एक अंतरिम बोर्ड के जरिये निपटाने के लिए एक नई योजना का ऐलान भी किया था.