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3 लोगों की निर्ममता से हत्या करने का आरोपी गैंगस्टर 13 साल बाद आया पुलिस की गिरफ्त में

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 कोटा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन लोगों की निर्ममता से हत्या (Murder) करने के आरोपी और भानु गैंग के हार्डकोर अपराधी (Hardcore criminal) 15 हजार के इनामी सुमेरसिंह को पुलिस ने 13 साल बाद गिरफ्तार (Arrest) करने में सफलता हासिल की है. गैंगस्टर सुमेरसिंह कोटा और उदयपुर रेंज के टॉप 10 वांटेड अपराधियों (Top 10 wanted criminals) में शामिल है. सुमेर के खिलाफ कोटा, उदयपुर और चित्तौड़गढ़ के विभिन्न थानों में 28 मामले दर्ज हैं. उद्योग नगर थाना पुलिस और डीएसटी की टीम ने सुमेर सिंह को जयपुर से दबोचा है. एडिशनल एसपी प्रवीण जैन ने प्रेसवार्ता कर मामले की जानकारी दी.

पुलिस के अनुसार 19 अप्रैल 2011 को दूसरे गुट के गैंगस्टर शिवराज सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर बिजोलिया, जिला भीलवाड़ा में पुलिस हिरासत में गैंगस्टर भानु प्रताप सिंह की हत्या कर दी थी. उसके बाद सुमेर सिंह ही भानु प्रताप की गैंग को ऑपरेट कर रहा था. गिरफ्तारी से बचने के लिए सुमेर सिंह लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था. पुलिस की धरपकड़ से घबराकर सुमेर सिंह राजस्थान से बाहर फरारी काटने लगा. उसने अपने सभी रिश्तेदारों और दोस्तों से संपर्क खत्म कर लिया था. फरारी के दौरान सुमेर सिंह, सिलवासा गुजरात अहमदाबाद, देहरादून व दिल्ली में रहा.

जयपुर में नाम बदलकर रह रहा था
कुछ सालों से सुमेर सिंह ने जयपुर को अपना ठिकाना बना रखा था. वो इतना शातिर था कि उसने अपना नाम व पहचान भी आसपास के लोगों से छुपा रखी थी. वो जयपुर में गोनेर के पास दांतली गांव में खेतों के पास स्थित घर में महेंद्र सिंह निवासी इटावा यूपी का बनकर रह रहा था. सुमेर सिंह घर से कम ही बाहर निकलता था. कुछ ही लोगों से संपर्क में था. उन्हें भी अपनी पहचान व नाम नहीं बताया.

गैंगस्टर को सरे आम भूना था गोलियों से
एडिशनल एसपी प्रवीण जैन ने बताया कि वर्ष 2007 में हाड़ौती के कुख्यात गैंगस्टर भानु प्रताप सिंह गिरोह दो गुटों में बंट गए. इसमें एक गुट भानु प्रताप व दूसरा गुट लाला बैरागी का था. वर्चस्व की लड़ाई में भानु प्रताप ने अपने साथी के साथ मिलकर 12 दिसंबर 2008 को गैंगस्टर लाला बैरागी की सरेआम गोलियों से भून कर व तलवार से काटकर हत्या कर दी. हत्याकांड में 40 से ज्यादा फायर हुए थे.

गवाहों को भी उतारा था मौत के घाट
इसके बाद इस केस के गवाह बृजराज सिंह उर्फ बबलू ,उसके साथी जितेंद्र सिंह उर्फ पिंटू दोनों का भी मर्डर किया था. मई 2009 को मेनाल जिला चित्तौड़गढ़ के पास भानु प्रताप उसके साथियों ने मिलकर बृजराज सिंह व जितेंद्र सिंह को भी मौत के घाट उतार दिया. इस हत्याकांड में लगभग 100 से ज्यादा फायर किए गए थे.

रिमांड पर लेकर पुलिस पूछेगी किन वारदातों में रहा शामिल
इन दोनों बड़ी घटनाओं से हाड़ौती सहित राजस्थान के कई हिस्सों में गैंग का वर्चस्व बढ़ गया. इन दोनों घटनाओं में भानु प्रताप का साथी सुमेर सिंह शामिल था. फिलहाल गैंगस्टर को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाना है. रिमांड के दौरान पुलिस यह भी पूछताछ करेगी की 13 साल में किन-किन वारदातों में शामिल रहा.