मंत्री एवं सांसद के गृह क्षेत्र में बिजली विभाग की कार्यप्रणाली कैसी है उसको देखना है तो विकासखंड बस्तर के नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र ग्राम चेराकुर जाना चाहिए। इस क्षेत्र में 3 माह से बिजली गुल है और विद्युत वितरण कंपनी नीम बेहोशी में है। ज्ञात हो कि यह इलाका भी आंशिक रूप से माओवाद प्रभावित क्षेत्र माना जाता है और उस इलाके में विकास पहुंचने से पहले ही विभागीय उदासीनता से दम तोड़ रहा है।
माओवाद के खिलाफ विकास के मार्फत से जंग लडऩे की बातें कहते हुए ऊर्जा विभाग के मुखिया एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह गांव गांव में हर गांव को रोशन करने के लिए अभियान छेड़े हुए हैं। इन सबके बीच ऊर्जा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शासन को भी गुमराह कर रहे हैं क्योंकि जिन लोगों पर क्षेत्र के गांव को रोशन करने की जिम्मेदारी है वह लोग तीन.तीन माह से गांव में गए ही नहीं है। बस्तर जनपद पंचायत के चेराकुर गांव मेंं जाडुमारी पारा में 3 महीने पूर्व ट्रांसफार्मर में आकाशीय बिजली गिरी थी जिसके बाद से ट्रांसफार्मर जल गया है और इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों को ग्राम पंचायत स्तर पर दे दी गई है फिर भी विद्युत विभाग इसे सुधारने के लिए किसी प्रकार की दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।
ग्रामीण सायतु राम कश्यप संपत शंकर मंगल सदन राम जय सियाराम कृष्णा कश्यप सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि विद्युत विभाग की लापरवाही के कारण हमें दर दर भटकना मजबूरी पढ़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि विद्युत विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को लगातार शिकायत की जा रही है फिर भी जनता की बातों को नजरअंदाज किया जा रहा है।