उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) में बाढ़ से हाहाकार मचा है. गंगा (Ganga) के रौद्र रूप ने शहरी इलाके से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक भारी तबाही मचाया. सब्जियों की खेती के लिए मशहूर रमना गांव भी बाढ़ (Flood) के पानी मे पूरी तरह जलमग्न है. खेत,फसल,घर और स्कूल बाढ़ के पानी में समा गए हैं. बाढ़ से भारी नुकसान से नाराज ग्रामीणों ने गांव में तटबंध बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने तटबंध नहीं तो वोट नहीं के नारे के बीच प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुंलद की.
रमना गांव के रहने वाले रमेश सिंह ने बताया कि गांव में हर साल बाढ़ के बाद किसानों का हजारों बीघा फसल नष्ट हो जाता है. जिससे हम किसानों को भारी नुकसान होता है. हर साल चुनाव से पहले नेता यहां आकर तटबंध बनाने की बात करते हैं. 2022 चुनाव से पहले गांव में तटबंध का काम नहीं शुरू हुआ तो सभी ग्रामीण विधानसभा चुनाव में मतदान नहीं करेंगे.
ग्राम प्रधान अमित पटेल ने बताया कि यदि इस गांव में तटबंध बन जाए तो हर साल किसानों को बाढ़ के कारण होने वाले नुकसान से छुटकारा मिल जाएगा. बताते चले कि लगभग 10 हजार की आबादी वाले इस गांव की पूरी अर्थव्यवस्था खेती पर टिकी हैं. लेकिन बाढ़ के कारण हर साल किसानों को करोड़ो का नुकसान होता है.