देश की राजधानी दिल्ली की मध्य जिला पुलिस (Delhi Police) ने 5 ईरानी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जोकि सीबीआई अफसर (CBI Officer) बनकर लगातार वारदातों को अंजाम दे रहे थे. इनके पास से पुलिस ने सीबीआई के 5 फर्जी पहचान पत्र भी बरामद किए हैं. यही नहीं, ईरानी गैंग (Irani Gang) ये लोग 25 से ज्यादा वारदात को अंजाम दे चुके हैं और 10 मामलों में कोर्ट इन्हें भगोड़ा घोषित कर चुका है.
डीसीपी जसमीत सिंह के मुताबिक, आरोपियों में मोहम्मद साबिर हुसैन, इमरान हुसैन, इमरान अली, शौकत अली जाफरी और मुख्तियार हुसैन शामिल हैं. सभी आरोपी फिलहाल भोपाल में रह रहे थे, लेकिन दिल्ली के करोलबाग में इन लोगों ने 4 वारदात की हैं. इन पर कोतवाली इलाके में हत्या की कोशिश का भी एक मामला दर्ज हैं. इसके पश्चिम बंगाल और यूपी में धोखाधड़ी के केस दर्ज हैं.
जानें पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक, इसी साल 27 जून को बैंक स्ट्रीट, करोल बाग में सीबीआई अधिकारी बनकर कुछ लोगों द्वारा 300 ग्राम सोने के गहने छीनने को लेकर एक पीसीआर कॉल मिली. पूछताछ करने पर पता चला कि 4-5 लोग एक ज्वैलर के कर्मचारी के पास खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर फिल्म स्पेशल 26 की तर्ज पर उसके पास पहुंचे और उसके बैग की जांच के बहाने उसकी कुल 300 ग्राम सोने की चेन ले लीं. पुलिस ने केस दर्ज कर करोलबाग में आसपास के एक किलोमीटर इलाके के सीसीटीवी फुटेज को चेक किया,जिसमें सभी 5 संदिग्ध दिख गए. इन सभी की मजबूत कद काठी को देखते हुए शक हुआ कि ये लोग ईरानी गैंग से जुड़े हो सकते हैं. इनके क्राइम डोजियर से इनकी पहचान हो गई तो पता चला कि सभी आरोपी भोपाल से वारदात करने दिल्ली आए थे. इसी बीच एक अगस्त को जानाकरी मिली कि ये लोग ट्रेन से वारदात करने के लिए प्रयागराज जा रहे हैं. इन सभी 5 आरोपियों को झांसी से गिरफ्तार कर लिया गया. जबकि छठा आरोपी मजलूम अली चोरी और धोखाधड़ी की संपत्ति का रिसीवर है और अभी भी फरार है.
ईरानी मूल के हैं सभी आरोपी
सभी आरोपी ईरानी मूल के हैं और लगभग कई दशक पहले उनके पूर्वज भारत आए थे. वर्तमान में सभी आरोपी ईरानी मोहल्लों, रेलवे स्टेशन के पास रहते हैं. शुरुआत में ये लोग जेबतराशी करते थे, लेकिन बाद में इन्होंने ईरानी गैंग बना लिया. इन्होंने अपराध करने के लिए एक अनूठा तरीका अपनाया. पहले वे किसी भी राज्य में प्रसिद्ध आभूषण बाजार की पहचान करते हैं. फिर ज्वैलर्स के स्टाफ और सोना सप्लाई करने वाले के बारे में जानकारी हासिल करने के साथ सीबीआई या पुलिस अधिकारी बनकर अवैध विदेशी करेंसी, हथियार, नशीले पदार्थ रखने के नाम पर पीड़ित से उनकी तलाशी के लिए कहते हैं. अपने गिरोह में वे पुलिसकर्मियों की तरह दिखने के लिए लंबे और मजबूत कद काठी के लोगों को रखते थे. इसके लिए सभी आरोपी जिम जाते थे और अच्छा प्रोटीन लेते थे. जबकि ये अलग अलग राज्यों का दौरा कर अपना टारगेट फिक्स करते थे.