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केंद्र ने मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग खत्म कर दी, जानिए पूर्व ओलंपियन ने किस ओर किया इशारा

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राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (Rajiv Gandhi Khel Ratna Award ) का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार (Major Dhyan Chand Khel Ratna Award) करने पर सियासत गरमा गई है. पूर्व ओलंपियन और पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने कहा है कि केंद्र सरकार एक तीर से दो निशाने साध रही है. एक तो मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग खत्म हो जाएगी, दूसरा राजीव गांधी का नाम हटाने का इससे अच्छा मौका नहीं मिल सकता था.यह सिर्फ घुमाने की राजनीति है.

पूर्व ओलंपियन और पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने News 18 से कहा कि नाम बदलने का यह कोई मौका नहीं था. जनता की सबसे बड़ी मांग मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की थी. 41 साल बाद देश में हॉकी में मेडल का सूखा खत्म हुआ है. इसलिए इस वक्त मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न मिलना चाहिए था.

सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न देने के पक्ष में नही था

पूर्व ओलंपियन असलम शेर खान ने कहा कि कांग्रेस सरकार में सचिन तेंदुलकर को खेल रत्न दिए जाने की मैंने खिलाफत की थी. हॉकी में मेजर ध्यानचंद का जो योगदान था, वो क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर का नहीं है. क्रिकेट 5 से 7 देशों का खेल है, जो आपस में ही खेलते हैं. इसका मतलब यह नहीं कि सचिन तेंदुलकर अच्छे खिलाड़ी नहीं हैं.अगर कांग्रेस सरकार को भारत रत्न अवॉर्ड देना ही था तो मेजर ध्यानचंद को देना था. उन्होंने कहा कि अब सवाल यह है कि भाजपा सरकार की ये किस तरह की राजनीति है. पीएम को क्या और किस ने सुझाया है कि इस वक्त आप श्रेय ले सकते हैं.

एक तीर से साधे दो निशान

पूर्व ओलंपियन असलम शेर खान ने कहा कि 41 साल बाद हॉकी फिर से देश में जीवित हुई है. इस समय केंद्र सरकार ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं. एक तो मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग खत्म हो जाएगी, दूसरा राजीव गांधी का नाम हटाने का इससे अच्छा मौका नहीं मिल सकता था. राजीव गांधी का नाम हटाना था तो पहले हटा लेते. आप अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से भी खेल रत्न का नाम कर सकते थे. अटल खेल रत्न से किसी को एतराज नहीं था. राजीव गांधी का नाम हटाकर मेजर ध्यानचंद के नाम पर  करके एक तरह से तरह से घुमाने की राजनीति की गई है.

मेजर ध्यानचंद खुद एक रत्न हैं

पूर्व ओलंपियन असलम शेर खान  का कहना है कि मेजर ध्यानचंद खुद एक रत्न हैं. अब खिलाड़ियों को उनके नाम का रत्न मिल रहा है, यह उनका स्तर नीचे गिराने की बात है. मेजर ध्यानचंद अचीवमेंट अवॉर्ड की घोषणा पहले ही सरकार कर चुकी है.