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झारखंड जज हत्याकांड: मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, एडीजी अभियान करेंगे जांच का नेतृत्व

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झारखंड में धनबाद की जिला अदालत के जज उत्तम आनंद की कथित हत्या मामले की गूंज सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। वहीं रांची हाई कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की। करीब ढाई घंटे की सुनवाई में अदालत ने पुलिस-प्रशासन पर तल्ख टिप्पणियां की। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस जांच सही दिशा में नहीं चली तो सीबीआई से जांच कराई जाएगी। प्रोफेशनल तरीके से जांच का आदेश दिया। अदालत के आदेश पर एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर के नेतृत्व में एसआइटी जांच करेगी। धनबाद के प्रधान जिला जल इसकी मॉनिटरिंग करेंगे। अदालत में वर्चुअल रूप से पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा और धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार भी मौजूद थे। अदालत ने अपनी टिप्पणी में इसे देश के लिए गंभीर घटना माना है।

अदालत ने कहा कि उग्रवाद प्रभावित नागालैंड और मिजोरम जैसे पूर्वोत्‍तर के राज्‍यों में भी इस तरह की घटना नहीं होती है। जज गंभीर आपराधिक मामलों की सुनवाई करते हैं फैसले सुनाने होते हैं। ऐसे में यह न्‍यायपालिका पर हमले जैसा है। एसएसपी धनबाद ने अदालत को बताया कि घटना में प्रयुक्‍त ऑटो को बरामद कर लिया गया है, दो लोगों को पकड़ा गया है। घटना का पुलिस का वीडियो फुटेज वायरल होने और प्राथमिकी में विलंब पर भी अदालत ने गहरा ऐतराज जताया। बहस में महाधिवक्‍ता, पूर्व महाधिवक्‍ता भी शामिल थे। बारकाउंसिल के अध्‍यक्ष विकास सिंह ने इसे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के संज्ञान में लाते हुए सीबीआइ जांच की अपेक्षा की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश ने रांची हाई कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश से बात की।

इसके पूर्व उत्‍तम आनंद की पत्‍नी के कृति सहाय के आवेदन पर हत्‍या का मुकदमा दर्ज किया गया है। गिरिडीह के मुफस्सिल थाना से बुधवार की मध्‍य रात्रि को ऑटो बरामद कर धनबाद लाया गया है। ऑटो पर आगे का नंबर मिटाया हुआ था। पीछे भी नंबर नहीं था। वहीं ऑटो धनबाद के पाथरडीह के रामदेव विश्‍वकर्मा की है। विश्‍वकर्मा के अनुसार बुधवार तड़के उसका ऑटो चोरी हो गया था। वीडियो फुटेज के दृश्‍य और इन घटनाक्रमों से जाहिर होता है कि जज उत्‍तम आनंद की नियोजित तरीके से साजिशन हत्‍या की गई है। पुलिस ने ऑटो ड्राइवर के साथ एक अन्‍य व्‍यक्ति को गिरफ्तार किया है। उससे पूछताछ चल रही है। घटना के बाद प्रक्षेत्रीय डीआइजी मयूरी पटेल ने खुद घटना स्‍थल का मुआयना किया। मामले के तूल पकड़ने के बाद धनबाद के एसएसपी ने घटना की जांच के लिए धनबाद के सिटी एसपी के नेतृत्‍व में एसआइटी का गठन किया था।

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान एसआइटी के नेतृत्‍व के लिए पुलिस महानिदेशक ने आइजी ऑपरेशन होमकर और एडीजी ऑपरेशन आनंद लाटकर का प्रस्‍ताव दिया था। अदालत ने लाटकर के नाम पर सहमति दी। इधर उत्‍तम आनंद के छोटे भाई सुमन शंभु ने भी हत्‍या का आरोप लगाते हुए सीबीआइ से जांच की मांग की है।

ज्ञात हो कि बुधवार की सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले एडीजे उत्‍तम आनंद जॉगिंग कर रहे थे उसी दौरान एक ऑटो ने लेन बदलकर पीछे से धक्‍का मारकर भाग निकला था। अस्‍पताल ले जाने पर चिकित्‍सकों ने उन्‍हें मृत घोषित कर दिया था। पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में उनके सिर पर चोट के निशान मिले हैं। आनंद धनबाद के चर्चित रंजय हत्‍याकांड सहित कुछ महत्‍वपूर्ण मामलों की सुनवाई कर रहे थे। रंजय धनबाद के बाहुबली नेता और झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के काफी नजदीकी थे। 2017 में रंजय की मौत के बाद सिंह मेंशन और रघुकुल के रिश्‍तों में खटास बढ़ी थी।