रायपुर. छत्तीसगढ़ के बीजापुर के पास एक गांव में शराब की दुकानों को हटाने की मांग को लेकर स्थानीय लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. स्थानीय निवासियों के अनुसार जब से कोर्ट ने हाइवे के 500 मीटर के दायरे में शराब के ठेकों पर प्रतिबंध लगाया है उसके बाद से ही इस गांव में यह शराब का ठेका शिफ्ट कर दिया गया. गांव में शराब का ठेका खुल जाने के बाद से लोगों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों के अनुसार ठेका खुलने के बाद से महिलाओं में असुरक्षा का भाव बढ़ा है. इतना ही नहीं गांव में रहने वाले किसानों को खेती करने में परेशानी हो रही है. प्रदर्शनकारियों ने कहा, ‘हम सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध कर रहे हैं. हमें कई समस्याएं हो रही हैं. हमारी बेटियां असुरक्षित महसूस कर रही हैं. शराब की बोतलें हमारे खेतों में भरी पड़ी हैं, जिस वजह से हम अपनी जमीन पर खेती भी नहीं कर पा रहे.’ प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों की मांग है कि ठेके को गांव से हटाया जाए. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल में ही एक फैसला सुनाया था जिसके बाद हाइवे के 500 मीटर के दायरे में शराब सभी ठेकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था..
प्रदर्शन में महिलाओं ने भी लिया हिस्सा
वहीं शराब की दुकानों के खिलाफ हुए इस प्रदर्शन में स्थानीय महिलाओं और लड़कियों ने भी जमकर हिस्सा लिया और अपनी मांगों को रखा. स्थानीय महिलाओं के मुताबिक गांव में ठेकों के खुलने के बाद से उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आलम यह है कि ठेके वाले रास्ते से महिलाओं का आना-जाना मुहाल हो गया है. गांव में आए दिन लोग शराब पीकर छेड़छाड़ करने लगते हैं. जिससे उन्हें काफी असुरक्षित महसूस होता है..
सुप्रीम कोर्ट ने हाइवे के 500 मीटर के दायरे में शराब दुकानों को किया बैन
बता दें कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया था जिसके अंतर्गत हाइवे के 500 मीटर के दायरे में शराब की दुकानों को बंद करवा दिया गया था और इस दायरे में आगे भी ठेकों को खोलने को लेकर कड़ी चेतावनी दी थी. जिसके बाद से ही हाइवे के पास से ठेकेदारों ने अपने ठेकों को शिफ्ट कर आसपास के गांवों में खोल लिया है. जिससे ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है..