शिलांग।
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिसों से निपटने के लिए मेघालय पुलिस का साइबर अपराध विंग ने एक नई पहल की है। पुलिस अब सोशल मीडिया पर नकली खबरों और सूजन टिप्पणियों की निगरानी के लिए नए सॉफटवेयर का उपयोग करने जा रही है।
राज्य पुलिस ने विभिन्न केंद्रीय सरकारी एजेंसियों और विभागों के साथ-साथ साइबर अपराध विंग चौबीसों घंटे सोशल मीडिया और ह्वाट्सएप जैसे एप्स पर नजर रखेगी ताकि पुलिस अफवाह फैलाने वालों पर शिकंजा कस सके। पुलिस का इरादा सोशल मीडिया पर सक्रिय डिजिटल वॉलींटियर्स के जरिए एक ऐसी व्यवस्था बनाने का जिसके रहते अफवाह फैलाने वाले शरारती तत्वों पर नजर रखी जा सके।
गूगल, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने साइबर अपराध विंग के अनुरोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, जो सोशल मीडिया पर उत्तेजक सामग्री डाल रहे हैं और उनके खिलाफ उचित कानूनी उपकरणों का उपयोग ऐसी जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जा रहा है, सोमवार को पुलिस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया।
सोशल मीडिया के दुरुपयोग के सिलसिले में पुलिस ने अबतक दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और 11 मामले दर्ज किए गए हैं।और कई लोगों से पूछताछ की गई है। उनके मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं, जिससे उन उत्तेजनात्मक सामग्री के बारे में सबूत दिए, जिन्हें उन्होंने पोस्ट किया था या अग्रेषित किया था।
पुलिस ने कहा कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस के मुताबिक, पिछले महीने शिलांग में गड़बड़ी के संबंध में सोशल मीडिया की भूमिका ने सरकार का ध्यान खींचा था और साइबर अपराध विंग ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के अनुसार कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी थी।