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करगिल विजय दिवस 2021: खराब मौसम के चलते द्रास नहीं पहुंच सके राष्ट्रपति, शहीदों को PM ने दी श्रद्धांजलि

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पूरा देश आज करगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas 2021) मना रहा है. आज ही के दिन 22 साल पहले यानी 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना को करगिल की चोटियों से खदेड़ दिया था. देश के लिए जान न्योछावर करने वाले शहीद सैनिकों के सम्मान में आज कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आज द्रास जाने का कार्यक्रम था, जहां वो तोलोलिंग पहाड़ी की तलहटी में स्थापित युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने वाले थे. हालांकि खराब मौसम के चलते वो द्रास नहीं जा सके. उन्होंने बारामुला वॉर मेमोरियल पर ही करगिल के शहिदों को श्रद्धांजलि दी.

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को करगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर पाकिस्तान के साथ हुए इस युद्ध के शहीदों को याद किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि सेना की बहादुरी हर दिन देशवासियों को प्रेरित करती है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘हम उनके बलिदान को याद करते हैं. हम उनकी बहादुरी को याद करते हैं. आज करगिल विजय दिवस के अवसर पर हम उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए करगिल में अपने आप को न्योछावर कर दिया. उनकी बहादुरी हमें हर दिन प्रेरणा देती है.’

उधर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सोमवार को करगिल विजय दिवस पर 1999 में हुए युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज करगिल विजय दिवस पर उस विजय अभियान में वीरगति प्राप्त करने वाले अमर शहीद सैनिकों के प्रति कृतज्ञ श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. विजय अभियान में भाग लेने वाले वीर सैनिकों और उनके परिवारों के अदम्य शौर्य और धैर्य को देश के इतिहास में सदैव गर्व से याद किया जाएगा.’

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा- ‘करगिल विजय दिवस के अवसर पर मैं भारतीय सेना के अदम्य शौर्य, पराक्रम और बलिदान को नमन करता हूं.’

आर्मी चीफ जनरल मुकुंद नरवणे, नवल चीफ एडमिरल करमबीर सिंह और एयर चीफ मार्शल राकेश भदौरिया और वाइस नवल चीफ जी अशोक कुमार ने युद्ध नायकों को श्रद्धांजलि दी.

भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच 1999 में करगिल के पहाड़ों पर जंग हुई थी और बाद में भारत ने करगिल की पहाड़ियां फिर से अपने कब्जे में ले ली थीं. इस लड़ाई की शुरुआत तब हुई थी, जब पाकिस्तानी सैनिकों ने करगिल की ऊंची पहाड़ियों पर घुसपैठ करके वहां अपने ठिकाने बना लिए थे.