नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि कोरोना काल (Corona Era) में पटाखों के निर्माण, बिक्री और इस्तेमाल पर पाबंदी जारी रहेगी. कोर्ट के इस आदेश के बाद एनजीटी (NGT) के फैसले पर मुहर लग गई. जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ‘खराब’ वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) वाले क्षेत्रों में कोविड काल के दौरान पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) द्वारा पारित एक आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि महामारी के दौरान हवा की गुणवत्ता गिरने पर सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध होगा. अगर वायु गुणवत्ता में सुधार होता है, तो अधिकारी AQI की श्रेणी के अनुसार पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दे सकते हैं.
आपको IIT की रिपोर्ट चाहिए?- सुप्रीम कोर्ट
पटाखा विक्रेताओं / डीलर्स की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट पीएस नरसिम्हा ने अदालत को बताया कि कोविड के दौरान पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. पटाखा विक्रेताओं का पक्ष रख रहे अधिवक्ता साई दीपक जे ने कहा, ‘आईआईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण की वजहों में पटाखा टॉप 15 में भी नहीं है.’ इस पर कोर्ट ने कहा, ‘पटाखों से आपकी सेहत पर क्या असर पड़ता है, इसे समझने के लिए क्या आपको आईआईटी रिपोर्ट की जरूरत है? शहर में रहने वाले से पूछिए कि दिवाली पर क्या होता है.’
बता दें एनजीटी ने कोरोना और बढ़ते प्रदूषण की वजह से पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी. कुछ पटाखा निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि पटाखों के निर्माण पर पाबंदी नहीं होनी चाहिए और जहां पर हवा की गुणवत्ता अच्छी है वहा पटाखे इस्तेमाल होने चाहिए. अदालत ने यह कहते हुए अपीलों को खारिज कर दिया कि किसी स्पष्टीकरण या हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है.