संसद का मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) सोमवार को हंगामे के साथ शुरू हो गया है. विपक्षी दल सरकार को महंगाई, बेरोजगारी और किसान आंदोलन जैसे मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है. इस बीच मानसून सत्र (Monsoon Session) की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों में कुल 56 नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई. एक लोकसभा अधिकारी के अनुसार यह संख्या अब तक के सत्रों दी गई श्रद्धांजलि में से सबसे अधिक है.
संसद में दी गई 56 श्रद्धांजलियों में 40 पूर्व लोकसभा सदस्यों के लिए थीं. वहीं 16 पूर्व राज्यसभा सदस्यों के लिए थीं. इस बीच कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य पी चिदंबरम ने कहा कि जो भी शोक समाचार पेश किए गए हैं, उनमें अधिकांश पूर्व सदस्यों की मौत के थे. ऐसे में इससे संसद की कार्यवाही पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
उन्होंने आगे कहा, ‘लोगों ने देश में लंबे समय तक कोविड हालात के कारण सदस्यों की मौत की सूचना नहीं दी होगी. उदाहरण के लिए 7वीं लोकसभा, 8वीं लोकसभा के ऐसे सदस्य हैं जिनका निधन हो गया होगा. अब जब भी सत्र शुरू होता है, तो ऐसे आंकड़े जमा हो जाते हैं.’
लोकसभा में श्रद्धांजलि ज्यादातर पूर्व सांसदों जैसे समता पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी और पूर्व सांसद करुणा शुक्ला की हैं. राज्यसभा को सोमवार को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि पिछले सत्र में राज्यसभा के दो मौजूदा सांसदों की मृत्यु हो गई थी.