दुनिया में एक गांव ऐसा है जहां 680 टन सोने के विशाल भंडार का पता चला था. आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि यह भारत के कुल सोने के भंडार से भी अधिक था. आश्चर्य की बात यह थी कि गांव के ही लोगों ने सोने की खुदाई से इंकार कर दिया था. उन ग्रामीणों से सरकार से साफ तौर पर कहा था कि हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर सेहत और पर्यावरण चाहिए न कि दौलत और सोना.
तब उस सोने की कीमत 35 बिलियन डॉलर यानी लगभग 2.43 लाख करोड़ रूपये आंकी गई थी. दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया में एक गांव काजामारका है. उसी गांव में इतने भारी भरकम सोने की बात पता चली थी. उस देश की सरकार को जब गांव में इतने अकूत मात्रा में सोने के भंडार का पता चला था तो एंग्लो गोल्ड कंपनी को खनन की जिम्मेदारी देने का फैसला किया गया था.
जब कंपनी के लोग खुदाई करने पहुंचे थे तो गांव वालों ने विरोध शुरू कर दिया था. सरकार के मुताबिक सोने का यह भंडार दक्षिण अमेरिका का अब तक का सबसे बड़ा भंडार माना जा रहा था. वहीं ग्रामीणों के विरोध के बाद सरकार ने जनमत संग्रह का फैसला लिया था. वहां के लोग अपनी प्राकृतिक संपदा को बचाने के लिए एकजुट हो गए थे.
उस गांव में 19 हजार की आबादी रहती थी. सिर्फ 79 लोगों ने ही खुदाई के पक्ष में वोट डाला था, जबकि बाकी लोगों ने विरोध में वोट डाले थे. जनमत के बाद सरकार को खुदाई का काम नहीं करने के लिए विवश होना पड़ा. कई देश सोना को रिजर्व के तौर पर रखते हैं ताकि आर्थिक संकट के समय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके.
सबसे बड़ा सोने का भंडार
काजामारका नाम का ये गांव दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया में स्थित है. वहां की सरकार को जब गांव में दबा यह सोने के भंडार का पता चला तो एंग्लोगोल्ड कंपनी को खनन की जिम्मेदारी देने का फैसला किया. कंपनी के लोग पहुंचे तो गांव वालों ने विरोध शुरू कर दिया. कोलंबिया की सरकार के मुताबिक सोने का यह भंडार दक्षिण अमेरिका का अब तक का सबसे बड़ा भंडार माना जा रहा है.