ई कॉमर्स नियमों की वकालत करते हुए कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने रविवार को यानी आज कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत ई-कॉमर्स नियम भारत के ई-कॉमर्स व्यवसाय के बुनियादी सिद्धांतों और मानकों को निर्धारित करने के लिए बनाए गए हैं। पिछले एक साल में जिस तरह से ई कॉमर्स व्यापार में वृद्धि हुई है, लेकिन ई कॉमर्स व्यापार विभिन्न प्रकार की अनियमितताओं, विसंगतियों से ग्रस्त है।
इसके अलावा कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ई कॉमर्स नियम बनाने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की सराहना करते हुए कहा कि सही समय पर केंद्र सरकार द्वारा यह बेहद उचित निर्णय लिया गया है। कैट ने कहा , यह बेहद खेदजनक है कि इन ई-टेलर्स द्वारा एक वर्ग को ई-कॉमर्स नियमों के मसौदे पर सवालिया निशान उठाने के लिए प्रेरित किया गया है । उनके इस कुचक्र को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
दूसरी ओर कैट ने गोयल से आग्रह किया है कि, ई-कॉमर्स नीति को तुरंत घोषित किया जाए तथा भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय को मॉनिटर एवं रेगुलेट करने के लिए एक अथॉरिटी का गठन किया जाए। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा , बहुत ही गुपचुप तरीके से कुछ प्रमुख विदेशी वित्त पोषित ई-कॉमर्स कंपनियां इन नियमों के मसौदे से नाखुश हैं क्योंकि यदि इन नियमों को लागू किया जाता है, तो उन्हें अपने मौजूदा व्यवसाय में भारी बदलाव लाना होगा।
इससे न केवल ई-कॉमर्स व्यापार बल्कि भारत के खुदरा व्यापार को नियंत्रित करने और उस पर हावी होने का उनका भयावह खेल सफल नहीं हो पायेगा। उन्होंने कहा, भारत के ई-कॉमर्स व्यवसाय को शुद्ध करने के लिए सरकार के सुधारात्मक उपायों को पटरी से उतारने और विदेशी वित्त पोषित ई-टेलर्स के शातिर चंगुल से मुक्त करने के लिए इन कंपनियों के ये सभी तर्क आधारहीन हैं । देश भर के व्यापारी इस तरह के किसी भी कदम का कड़ा विरोध करेंगे।