मिजोरम विधानसभा ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक , 2016 का विरोध करते हुए गुरुवार को सर्वसम्मति से एक आधिकारिक प्रस्ताव पारित किया। यह विधेयक नागरिकता कानून , 1955 में संशोधन के लिए लोकसभा में पेश किया गया है।
इसमें प्रस्ताव किया गया है कि हिंदू , सिख , बौद्ध , जैन , पारसी और ईसाई सहित छह समुदायों के अवैध प्रवासी छह साल तक भारत में रहने के बाद भारतीय नागरिकता के लिए योग्य होंगे।
राज्य के गृह मंत्री आर लालजिरलियाना ने आधिकारिक प्रस्ताव सदन में पेश किया। इसमें केंद्र से कहा गया है कि अगर यह विधेयक लागू किया गया तो मिजोरम जैसे प्रदेश को नुकसान होगा जहां बड़ी संख्या में बांग्लादेश के अवैध बौद्ध प्रवासी रहते हैं।
उन्होंने कहा कि विधेयक में अवैध प्रवासियों को धर्म के आधार पर भारतीय नागरिकता की बात की गई है जो धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है।