बिहार के दरभंगा स्टेशन पर हुए पार्सल विस्फोट मामले के तार पाकिस्तान से जुड़ गए हैं. हैदराबाद से गिरफ्तार किये गये इमरान और नासिर मलिक ने कई अहम खुलासे किये हैं.
गिरफ्तार दोनों सगे भाइयों से पूछताछ में एनआईए को कई सुराग मिले हैं. सूत्रों के अनुसार पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि मो. नासिर ने पाकिस्तान में केमिकल बम बनाने की ट्रेनिंग ली थी. इसके साथ ही पाकिस्तान से हवाला के जरिए पैसे दिए गए थे और धमाके के बाद उसे करोड़ों रुपए मिलने वाले थे.
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान से आईएसआई के हैंडलर ने मोबाइल के जरिए लगातार इमरान को लिक्विड बम बनाने का वीडियो भेजा और उसी वीडियो को देखकर लिक्विड बम बनाया गया था. एनआईए इस पूरी जांच को केवल दरभंगा तक सीमित नहीं रखना चाहता. उसका मकसद है कि इस आतंकी नेटवर्क में शामिल सभी लोगों को सलाखों के पीछे भेजा जाए.
नासिर मल्लिक वर्ष 2012 में पाकिस्तान गया था
बताया जाता है कि पाकिस्तान यात्रा के दौरान सलीम लश्कर-ए-तैयबा और आइएसआइ हैंडलर के संपर्क में आया था. उसी ने ब्लास्ट की साजिश रची थी. वहां उसने हाफिज सईद से भी मिला था. बताया जाता है कि मो. नासिर मल्लिक वर्ष 2012 में पाकिस्तान गया था. वहां पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने उसे केमिकल बम तैयार करने का प्रशिक्षण दिया था.
लश्कर के इशारे पर लंबी दूरी की ट्रेनों को निशाना बनाकर देश को दहलाने की साजिश रची गयी थी. सूत्रों के अनुसार सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस से भेजे गए पार्सल में एक सेंसर भी लगाया गया था. हालांकि बनाये गए केमिकल बम के कम ज्वलनशील होने के कारण ट्रेन के पार्सल वैन में वह ब्लास्ट नहीं कर सका. आतंकियों की साजिश केमिकल बम से कई लंबी दूरी की ट्रेनों को उड़ाने की थी.
दरभंगा जंक्शन पार्सल ब्लास्ट के मामले का खुलासा
हालांकि सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस को ‘द बर्निंग ट्रेन’ में तब्दील करने की साजिश फेल हो जाने के बाद सिकंदराबाद जंक्शन से मिले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एनआईए ने पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया. बता दें कि एनआईए ने जांच का जिम्मा मिलने के पांच दिनों के अंदर दरभंगा जंक्शन पार्सल ब्लास्ट के मामले का खुलासा कर दिया.
विस्फोट के बाद से ही यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि आतंकियों ने सिकंदराबाद-दरभंगा एक्प्रेस को आग के हवाले करने की साजिश रची थी. सूत्रों के अनुसार हैदराबाद में मो. इमरान मल्लिक और मो. नासिर मल्लिक अपनी मां के साथ किराए के मकान में रहते थे. वे रेडीमेड कपड़ों का धंधा करते थे. इसी दौरान मो. नासिर मल्लिक का संपर्क पकिस्तान के लश्कर आतंकी इकबाल काना से हुआ था.
दिल्ली के कई हवाला कारोबारियों के जरिये इकबाल काना ने सलीम को पैसे भेजवाए
इसके बाद काना के इशारे पर फेक करेंसी का सिंडिकेट तैयार किया गया था. अब एनआईए को साजिश में शामिल कई अन्य लोगों की भी तलाश है. वहीं, उत्तर प्रदेश के कैराना से सलीम और कफील की गिरफ्तारी के बाद एनआईए के हाथ कई महत्वपूर्ण जानकारियां लगी हैं. विस्फोट को अंजाम देने के लिए पुरानी दिल्ली के कई हवाला कारोबारियों के जरिये इकबाल काना ने सलीम को पैसे भेजवाये थे.
जांच एजेंसी को यह भी जानकारी हांथ लगी है कि विस्फोट को अंजाम देने कर लिए मो. नासिर मल्लिक व मो. इमरान मल्लिक को 1.5 लाख रुपये दिए गए थे. बताया जाता है कि सोशल मीडिया के जरिये इकबाल काना से दोनों के संपर्क करने के सबूत भी एनआईए को मिले हैं.
उनलोगों के टारगेट पर और कौन-कौन सी जगह थी, इसे लेकर गहन पूछताछ चल रही है. मो. सुफियान के सिलसिले में उनलोगों से पूछताछ की जा रही है. अभी तक की जांच में पता चला है कि पाकिस्तान में बैठे लश्कर के हैंडलर इकबाल काना ने दरभंगा के अलावा देश के कई कोनों में दहशत मचाने के लिए युवकों को तैयार करने का जिम्मा सौंपा था.