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त्रिपुरा में दो पत्रकारों की हत्या के मामले की जांच करेगी सीबीआई

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अगरतला: त्रिपुरा में पिछले साल दो पत्रकारों की हत्या के बहुचर्चित मामलों की जांच सीबीआई करेगी. राज्य के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इसके लिए तैयार हो गई है.

स्थानीय टेलीविजन के लिए काम करने वाले शांतनु भौमिक की पिछले साल 20 सितंबर को हत्या कर दी गई थी. वह पश्चिमी त्रिपुरा ज़िले के मंडवई इलाके में इंडीजिनस पीपुल्स फोरम ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन और सड़क नाकाबंदी को कवर करने गए थे.

उसी दौरान उन पर हमला किया गया और उनका अपहरण कर लिया गया. बाद में शांतनु जब मिले तो उनके शरीर पर चाकू से हमले के कई निशान थे. उन्हें तत्काल अगरतला मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

शांतनु एक स्थानीय टीवी चैनल में काम करते थे.

क्षेत्रीय भाषा के अपराधिक मामलों के पत्रकार सुदीप दत्ता की हत्या इसी जिले में पिछले साल 14 नवंबर को आरके नगर स्थित ‘त्रिपुरा स्टेट राइफल्स’ (टीएसआर) 2 बटालियन के मुख्यालय में कर दी गई थी.

सुदीप स्थानीय बांग्ला समाचारपत्र स्यंदन पत्रिका में संवाददाता के तौर पर काम करते थे. हत्या के आरोप में त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) की दूसरी बटालियन के कमांडेंट तपन देबबर्मा और टीएसआर के कॉन्स्टेबल नंदलाल रेंग को गिरफ़्तार किया गया था.

त्रिपुरा उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अतिरिक्त ज़िला तथा सत्र न्यायालय ने सुदीप दत्ता मामले की जांच रोक दी थी.

राज्य पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हत्या की जांच कर आरोप-पत्र दायर किया था. इसने ही शांतनु भौमिक मामले की भी जांच की लेकिन अब तक आरोप-पत्र दायर नहीं किया है.

दो महीने के अंतराल पर हुई इन दोनों पत्रकारों की हत्या पर लोग काफी आक्रोशित हुए थे.

बिप्लब कुमार देब ने कहा कि सीबीआई मामलों की जांच करने को तैयार हो गई है.

देब ने 22 जून की रात पत्रकारों से कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने मामलों की जांच के लिए केंद्र को दो अलग-अलग प्रस्ताव भेजे थे ताकि प्रभावित परिवारों को इंसाफ मिल पाए.

उन्होंने कहा, ‘सीबीआई दोनों मामलों की जांच करेगी. इसके साथ ही भाजपा-आईपीएफटी सरकार ने घोषणापत्र में किए अपने एक और वादे को भी पूरा कर दिया.’

देब ने कहा कि सीबीआई अधिकारी मामलों की जांच कर दोनों परिवारों के लिए न्याय सुनिश्चित करेंगे. सरकार ने सकारात्मक कदम उठाया है ताकि त्रिपुरा में सरकार स्वतंत्रता से काम कर सके.

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