Uttarakhand Crisis: उत्तराखंड में सियासी संकट थमता नजर नहीं आ रहा है. इसी साल मार्च महीने में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने इस्तीफे की चर्चा जोरों पर है. रिपोर्ट्स के अनुसार, तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल से मुलाकात के लिए भी समय मांगा है. तीरथ सिंह रावत को त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया था. इस बीच न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक CM रावत रात साढ़े 9 बजे देहरादून में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
बताते चलें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और बीते तीन दिनों में दो बार BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है. रावत, जो बुधवार देर रात नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे, वर्तमान में गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद हैं और नियमों के अनुसार, उन्हें मुख्यमंत्री पद संभालने के 6 महीने के भीतर एक निर्वाचित विधायक के रूप में शपथ लेने की आवश्यकता होती है.
वर्तमान में, दो विधानसभा सीटें – हल्द्वानी और गंगोत्री – खाली पड़ी हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उपचुनाव समय सीमा से पहले होंगे या नहीं. रावत ने कहा कि उपचुनाव कराने का फैसला चुनाव आयोग करेगा और पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व जो भी फैसला करेगा उसका पालन करेंगे. इस बीच, पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने दावा किया कि केंद्रीय नेतृत्व ने वरिष्ठ नेताओं सतपाल महाराज और धन सिंह रावत को दिल्ली बुलाया है.
इस बारे में पूछे जाने पर गौतम ने कहा, ‘उत्तराखंड दिल्ली के नजदीक होने के कारण कई नेता नियमित रूप से राष्ट्रीय राजधानी का दौरा करते हैं. लाइनों के बीच कुछ भी नहीं पढ़ा जाना चाहिए.’ सूत्रों ने बताया कि नड्डा ने रावत को समझाया था कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 151 ने उनके विधानसभा चुनाव में बाधा उत्पन्न की है. एक अन्य अंदरूनी सूत्र ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक के बाद ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री को यह संदेश स्पष्ट और स्पष्ट है कि उनके लिए पद पर बने रहना मुश्किल होगा.