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आपात ऋण गारंटी कोष में 1.5 लाख करोड़ रुपये बढ़ाए, छोटे उद्योगों को मिलेगा फायदा

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कोरोना महामारी के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बड़ी घोषणा की। इसके तहत आपातकालीन क्रेडिट गारंटी योजना कोष को 3 लाख करोड़ से बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ कर दिया गया है। यानी इसमें 1.5 लाख करोड़ की बढ़ोतरी की गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना का दायरा बढ़ाया जा रहा है, इस योजना के तहत एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), अन्य क्षेत्रों को बिना किसी गारंटी के कर्ज उपलब्ध कराया जाता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के इरादे से स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचा में सुधार के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना समेत विभिन्न उपायों की घोषणा की।

छोटे उद्योगों को फायदा
साथ ही उन्होंने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए आपातकाल ऋण गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत सीमा 50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये करने का एलान किया। प्रोत्साहन पैकेज का ब्योरा साझा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसमें आठ राहत उपाय हैं और अन्य आठ उपाय आर्थिक वृद्धि को गति देंगे। उन्होंने स्वास्थ्य समेत कोविड प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना की घोषणा की। इसमें नई परियोजनाओं के विस्तार के लिए गारंटी कवर शामिल हैं।

कर्ज वितरण की अंतिम तारीख 31 दिसंबर
सीतारमण ने कहा कि इसके अलावा ईसीएलजीएस के तहत सरकार की ओर से कुल गारंटी की सीमा 1.5 लाख करोड़ रुपये बढ़ाई गई है। आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज का हिस्सा ईसीएलजीएस की मौजूदा सीमा तीन लाख करोड़ रुपये थी।

पिछले महीने, वित्त मंत्रालय ने ईसीएलजीएस का दायरा बढ़ाते हुए इसमें अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन संयंत्र लगाने को लेकर हॉस्पिटल को भी शामिल किया था। इसके अलावा इसकी वैधता तीन महीने बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई थी। इस योजना के तहत कर्ज वितरण की अंतिम तारीख 31 दिसंबर है।

ईसीएलजीएस 4.0 के तहत ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने को लेकर अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लिनिक, मेडिकल कॉलेज आदि को 2 करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिए 100 प्रतिशत गारंटी दी गई है। इन ऋणों पर ब्याज दर 7.5 प्रतिशत है।