पंजाब (Punjab) की भाखड़ा नहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) मिलने पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने राजस्थान सरकार पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पंजाब की भाखड़ा नहर में मिले सरकारी इस्तेमाल के रेमडेसिविर इंजेक्शन एक आपराधिक लापरवाही है. इस अपराध में राजस्थान सरकार बराबर की हिस्सेदार है. केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शेखावत ने कहा कि राजस्थान को रेमडेसिविर की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन अपनी अव्यवस्थित प्रणाली का नमूना पेश करने में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कभी नहीं चूकते.
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने पंजाब सरकार को औषधीय इंजेक्शन रेमडेसिविर की खेप अपने आवास से हरी झंडी दिखा कर भिजवाई, लेकिन ना तो पंजाब में उसका सही इस्तेमाल हुआ और ना ही वह राजस्थान वासियों के काम आ सकी. उन्होंने कहा कि इस संकटकालीन समय में ऐसे संसाधनों का इस्तेमाल हमें सोच समझ कर करना चाहिए, लेकिन राजस्थान सरकार की अपनी राजनीति और अव्यवस्था उन्ही संसाधनों का व्यर्थ व्यय कर रही है.
स्वास्थ्य मंत्री ने दिया बड़ा बयान
कोरोना की दूसरी लहर शुरू होते ही 10,000 रेमडेसिविर इंजेक्शन की बड़ी खेप राजस्थान से पंजाब भेजने के फैसले को स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा लगातार सही ठहरा रहे हैं. रघु शर्मा इस बारे में कई मर्तबा कह चुके हैं कि सभी इंजेक्शनों की एक्सपायरी डेट 30 अप्रैल की थी. अगर पंजाब नहीं भेजे जाते तो राजस्थान में पड़े पड़े सभी इंजेक्शन खराब हो जाते हैं. गौरतलब है कि उस वक्त प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रालय की पूरी मशीनरी और स्वास्थ्य मंत्री खुद यह कह रहे थे कि राजस्थान में इन इंजेक्शनों की डिमांड ना के बराबर आ रही है और ऐसे में फिलहाल इनका कोई उपयोग नहीं है.
22 अप्रैल को रघु शर्मा ने अपने आवास से हरी झंडी दिखाकर 10000 रेमेडेसिवर की खेप पंजाब भेजी थी. उसके बाद से ही राजस्थान में लगातार कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने लग गई थी. कोरोना के मरीज बढ़ने के साथ ही लगातार रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ रही थी लेकिन पर्याप्त स्टॉक नहीं होने के चलते मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था.