दोपहर के 11:40 बज रहे है। रात हो या फिर दिन जयपुर जंक्शन हमेशा खचाखच ही नजर आता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है पिछले 15 दिन से स्टेशन पर हालात बदले हुए है। 10 मई से राजस्थान में सख्त लॉकडाउन की घोषणा की जा चुकी है। कोरोना संक्रमण से हर वर्ग परेशान हो चुका है। मानसिक और आर्थिक रूप से आमजन पूरी तरह से टूट चुका हैं। दैनिक भास्कर ने जयपुर जंक्शन पर पहुंच कर हालात जानें तो काफी चौंकाने वाली स्थिति नजर आई। उत्तरप्रदेश और बिहार के लोगों का पलायन शुरू हो चुका है। यात्रियों से बात करने पर पता लगा कि सख्त लॉकडाउन के कारण लोग जा रहे है। काम की समस्या शुरू हो चुकी है। पेट भरना मुश्किल हो गया है, अब बस गांव चले जाएं। कुलियों को कई दिनों से काम नहीं मिल पा रहा है। कई बार शाम को खाली हाथ ही लौट कर जाना पड़ता है। ट्रैक्सी ड्राइवरों को भी सवारियां नहीं मिल रही है।
यात्रीभार कम, ट्रेनें निकल रही खाली
ट्रेनों में यात्री भार काफी कम है। अधिकतर ट्रेनें खाली ही निकल रही है। दोपहर को जंक्शन के बाहर कुछ लोग ही मौजूद थे। साइड में कुछ कुली खाली बैठे हुए है। कुछ दूरी पर टैक्सी स्टैंड के बाहर काफी ड्राइवर बैठे हुए है। पूछताछ केंद्र पर भी कुछ ही लोग दिखाई दे रहे थे। चैकिंग कर रहे आरपीएफ के सिपाही ने बताया कि उत्तरप्रदेश व बिहार के लोगों का आवागमन ज्यादा हो रहा है। चैकिंग के लिए लोगों की लाइनें लगी हुई थी। सैनेटाइजर करके अंदर जाने दे रहे थे। प्लेटफॉर्म नंबर एक पर उत्तरप्रदेश व बिहार के लोग ही मौजूद थे। प्लेटफॉर्म पर जयपुर-पूणे ट्रेनें आकर रुकी। ट्रेन से कुछ ही संख्या में यात्री उतरे। ट्रेन काफी खाली थी।
15 दिन से नहीं मिल रही सवारियां, अब आगे क्या?
स्टेशन पर 178 कुली है। 15 दिन से 80 ही आ रहे हैं। अब 10 मई से 40 ही आएंगे। कुली अब्दुल कलाम, इस्माइल ने बताया कि 15 दिन से हालात ठीक नहीं है। टयूरिस्ट तो एक साल से बंद है। कुली आधे ही आ रहे हैं। मजदूर वर्ग के लोग ट्रेनों से जा रहे हैं। कई बार खाली हाथ ही घर लौटना पड़ता है। मजदूरी भी नहीं मिलती है। टैक्सी ड्राइवर अजीज, हमीद, मुख्यतयार अली ने बताया कि टयूरिस्ट बिल्कुल आने बंद हो चुके है। अधिकतर बाहर से ही पर्यटक घूमने के लिए आते थे। गाड़ी में दो सवारियों को ले जाने की अनुमति है, ऐसे में पुलिसकर्मी भी रास्ते में परेशान करते हैं। रोजी-रोटी का संकट होने लग गया है।