Home News सबसे बड़े डेटा लीक की तैयारी:10 करोड़ भारतीयों की पर्सनल डिटेल्स डार्क...

सबसे बड़े डेटा लीक की तैयारी:10 करोड़ भारतीयों की पर्सनल डिटेल्स डार्क वेब पर बिकने के लिए तैयार, 63 लाख रुपए में बेचा जा रहा 350 GB डेटा

442
0

मोबाइल से लेनदेन करने वालों को सतर्क करने वाली खबर है। साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर राजशेखर राजहारिया और फ्रेंच साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट इलियट एंडरसन का दावा है कि 10 करोड़ भारतीयों का पर्सनल डेटा एक हैकर फाेरम ने डार्क वेब पर बेचने के लिए डाला है। दैनिक भास्कर से बातचीत में राजशेखर ने बताया कि डेटा एक पेमेंट ऐप का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स का है।

उन्होंने कहा कि पहले भी पेमेंट ऐप को सावधान किया गया था, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। हैकर ग्रुप लीक किए गए डेटा को 26 मार्च से ऑनलाइन बेच रहे हैं। हैकर ग्रुप की एक पोस्ट के मुताबिक, ‘डेटा 1.5 बिटकॉइन (करीब 63 लाख रुपए) में बेचा जा रहा है। डार्क वेब पर शेयर किए गए इस डेटा का साइज करीब 350 GB है। बताया जा रहा है कि यह पेमेंट प्लेटफाॅर्म मोबिक्विक से लीक हुआ है। देश में माेबिक्विक के 12 कराेड़ से ज्यादा यूजर्स हैं।

मोबिक्विक की सफाई- डेटा हमसे लीक नहीं हुआ
मोबिक्विक ने अपने ब्लॉग में पक्ष रखते हुए लिखा, ‘कुछ यूजर्स ने बताया है कि उनका डेटा डार्क वेब पर है। यूजर्स कई प्लेटफॉर्म पर अपना डेटा शेयर करते हैं। ऐसे में ये कहना गलत है कि उनका डेटा हमसे लीक हुआ है। ऐप से लेन-देन पूरी तरह सुरक्षित और OTP बेस्ड है।

‘यह मामला पहली बार पिछले महीने रिपोर्ट किया गया था, तो कंपनी ने बाहरी सुरक्षा विशेषज्ञों की मदद से पूरी जांच की। किसी वॉयलेशन का कोई सबूत नहीं मिला। कंपनी पूरी तरह सावधानी के साथ सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करती है।’

GPS लोकेशन, क्रेडिट-डेबिट कार्ड नंबर भी लीक
जिस डेटा को सेल में उपलब्ध कराया गया है उसमें 9.9 करोड़ मेल, फोन पासवर्ड्स, एड्रेस और इंस्टाल्ड ऐप्स डेटा, IP एड्रेस और GPS लोकेशन जैसे डेटा शामिल हैं। इन सबके अलावा इसमें पासपोर्ट डिटेल्स, पैन कार्ड डिटेल्स, क्रेडिट कार्ड नंबर, डेबिट कार्ड नंबर और आधार कार्ड डिटेल्स भी शामिल हैं।

इतिहास का सबसे बड़ा डेटा लीक
पेमेंट ऐप के इस कथित डेटा लीक का दावा राजशेखर के अलावा एक फ्रेंच साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट इलियट एंडरसन ने भी किया है। इलियट एंडरसन ने 29 मार्च को एक ट्वीट करते हुए खुलासा किया कि संभवतः यह इतिहास का सबसे बड़ा डेटा लीक है।