छत्तीसगढ़ के निजी स्कूलों (Private School) में पढ़ने वाले 2 लाख से ज्यादा छात्रों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है. दरअसल, निजी स्कूलों ने फीस नहीं जमा करने वाले छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट (Student General Promotion) करने से इंकार कर दिया है. रायपुर के सिविल लाइन स्थित डागा स्कूल में बुधवार को निजी स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन की बैठक रखी गई जिसमें यह फैसला लिया गया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि प्रदेश के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले कई ऐसे छात्र हैं जिनकी स्कूल की फीस उनके पालकों ने जमा नहीं की है और ना ही इसके पीछे कोई कारण बताया है.
राजीव गुप्ता ने बताया कि कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई
जारी है. केवल ट्यूशन फीस ही ली जा रही है. लेकिन कई स्कूलों में शिकायतें आई है ट्यूशन फीस भी पालक जमा नहीं कर रहे हैं. हालांकि कुछ पालकों द्वारा आर्थिक समस्याओं को लेकर जानकारी दी गई है. लेकिन कई पालकों ने बिना किसी जानकारी के ही फीस देने से इंकार कर दिया है और इसलिए एसोसिएशन ने ऐसे छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं करने का फैसला लिया है.
नहीं दिया जाएगा ट्रांसफर सर्टिफिकेट
राजीव गुप्ता ने बताया कि बिना फीस दिए टीसी( ट्रांसफर सर्टिफिकेट)भी नहीं देने का निर्णय बैठक में लिया गया. एसोसिएशन द्वारा अन्य निजी स्कूलों को भी यह निर्देश जारी किए जाएंगे कि बिना किसी के अन्य स्कूल भी एडमिशन ना लें. राजीव गुप्ता ने बताया कि फीस नहीं जमा करने वाले छात्रों की सूची आज की बैठक में मंगाई गई थी जिनकी संख्या दो लाख से ज्यादा है. इसलिए निजी स्कूलों के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में ये फैैैसला लिया गया है. एजुकेशन एक्टिविस्ट दिनेश शर्मा का कहना है कि निजी स्कूलों द्वारा लिया गया यह फैसला छात्रों को प्रताड़ित करने वाला है. दिनेश शर्मा का कहना है कि निजी स्कूलों के इस फैसले पर सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.