महाराष्ट्र की सियासत में बीजेपी और सत्तारूढ़ दलों के नेताओं के बीच वार पलटवार जारी है. महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फड़नवीस ने शरद पवार पर पलटवार करते हुए कहा कि शरद पवार ने इस सरकार को बनाया है, लिहाजा वे इसका बचाव कर रहे हैं. मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के आदेश पर सचिन वाजे को वापस सेवा में लिया गया. पवार साहब सच्चाई से मुंह मोड़ रहे हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि इस मामले में तब तक निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती, जब तक कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अपने पोस्ट पर बने रहेंगे. अनिल देशमुख को निष्पक्ष जांच के लिए अपने पद से इस्तीफा देना होगा.
पूर्व मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा कि परमबीर सिंह और डीजी सुबोध जायसवाल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पुलिस ट्रांसफर के मामले में भ्रष्टाचार को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. लेकिन, मुख्यमंत्री ने कोई कार्रवाई नहीं की और डीजी जायसवाल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. बता दें कि मनसुख हिरेन मौत मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने जिन दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया था, उन्हें अब गिरफ्तार कर लिया गया है.
इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के पत्र पर कहा कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं. पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पास गृहमंत्री के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कराने का पूरी शक्ति है.
महाराष्ट्र सरकार को व्याप्त खतरे पर एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा, “मैं नहीं जानता कि सरकार गिराने की कोशिश हो रही है या नहीं, लेकिन मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि सरकार पर कोई असर नहीं है.”