बिलासपुर। कोरबा जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतरेंगा को संवारने के बाद अब आगामी चैत्र नवरात्रि के पहले मां महिषासुर मर्दनी के ऐतिहासिक व पुराताविक स्थान चैतुरगढ़ को संवारा जाएगा। श्रृद्धालुओं व पर्यटकों को लुभाने सभी सुविधाएं यहां भी उपलब्ध कराई जाएंगी। पाली विकासखण्ड के चैतुरगढ़ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए सबसे पहले बिजली-पानी और पार्किंग स्थल को व्यवस्थित करने का काम एक सप्ताह में शुरू हो जाएंगे।
इसके साथ ही चैतुरगढ़ में पहाड़ी के नीचे से मां महिषासुर मर्दनी मंदिर तक पहुंचने के लिए सड़क जीर्णोद्धार की कार्ययोजना भी तैयार की जा रही। चैत्र नवरात्रि पर श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने के लिए ई-रिक्शा या खुली जीप की सुविधा भी प्रशासन उपलब्ध कराएगा। सतरेंगा की तर्ज पर पाली के इस ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के स्थान को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए चैतुरगढ़ में अभी मौजूद आधारभूत संरचनाओं व सुविधाओं की जानकारी अधिकारियों से उपलब्ध कराने कलेक्टर ने कहा है।
बनेंगे काटेज व कमरा
सतरेंगा की तरह ही स्थानीय लोगों को जोड़ने से उन्हें अपने ही क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर आय का साधन मिल सकेगा। प्रशासन पहाड़ के ऊपर पर्यटकों के रूकने के लिए काटेज व कमरा निर्माण भी करेगा। बिजली व पानी का प्रबंध होने के बाद पर्यटकों को रूकने के लिए स्थान मिलने से क्षेत्र का धार्मिक महत्व बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
मड हाउस व पार्किंग स्थल के पास एक-एक सार्वजनिक शौचालय लगाने, दो बड़े डस्टबिन स्थापित करने की जिम्मेदारी जनपद पंचायत पाली के सीईओ को दी गई है। पहाड़ के ऊपर तक पहुंचने के लिए संकरी सड़क के चौड़ीकरण की संभावनाओं तलाश कर प्रस्ताव करने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सौंपी गई है।
मंदिर परिसर में बनेगा सुसज्जित
मंदिर परिसर में स्थित तालाब के पानी को साफ कर पीने लायक बनाने के लिए आरओ वाटर प्लांट स्थापित किया जाएगा। पानी उपर चढ़ाने उच्च क्षमता का पंप भी लगाया जाएगा। इसके साथ ही पार्किंग स्थल के समतलीकरण, तालाबों की सफाई और मंदिर परिसर के आसपास भूमि समतलीकरण भी कराया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर परिसर में सुसज्जित उद्यान विकसित करने के साथ ही पहाड़ी के नीचे भी मंदिर परिसर में सुसज्जित उद्यान विकसित कर मनोरम स्थल बनाया जाएगा।