समर्थन मूल्य में चना खरीदी की मांग को लेकर करीब डेढ़ महीने से चना सत्याग्रह करने वाले किसानों ने विकास रथ लेकर निकले मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से किसानों के धरना स्थल में पहुंचने और किसानों से संवाद करने का आग्रह किया है। किसान 11 मई से कलेक्टोरेट के सामने बेमुद्दत धरने पर बैठे हैं। किसानों ने कहा है कि कल 24 मई को यहां वे सीएम का इंतजार करेंगे।
जिला किसान संघ ने सरकार से समर्थन मूल्य पर चना की खरीदी किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ दिया है। किसानों का कहना है कि सरकार ने चना का समर्थन मूल्य 44 सौ रूपए घोषित किया है लेकिन वह इसकी खरीदी व्यापारियों के माध्यम से कर रही है। किसानों को मजबूरन मंडी में और खुले में व्यापारियों को चना बेचना पड़ रहा है। इसका मूल्य उसे 3 हजार से लेकर 31 सौ रूपए तक ही मिल रहा है। इस तरह किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
छह अप्रैल से सत्याग्रह
जिला किसान संघ के संयोजक चंदू साहू ने पत्रवार्ता में बताया कि छह अप्रैल से नि:शुल्क चना वितरण कर विरोध जताते हुए चना सत्याग्रह की शुरूआत जिला मुख्यालय से की गई थी। इसके बाद गांव गांव में किसान सभा कर और चना बैइठका कर किसानों को एकजुट करने का काम किया गया।
11 अप्रैल से धरना
किसानों ने 11 अप्रैल से कलक्टोरेट के सामने इसी मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। किसान नेता साहू ने बताया कि जिला कार्यालय के सामने किसानों के धरने के बाद भी शासन और प्रशासन के किसी प्रतिनिधि के किसानों की मांग को लेकर ध्यान नहीं देने पर किसान नेता सुदेश टीकम ने 10 वें दिन 20 मई से अन्न जल त्यागकर आमरण अनशन शुरू कर दिया है।
बलपूर्वक अस्पताल ले जाए गए
जिला किसान संघ ने आरोप लगाया कि आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता सुदेश टीकम को मुख्यमंत्री की विकास यात्रा के चलते बलपूर्वक आमरण अनशन स्थल से उठाकर अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है। चंदू साहू ने कहा कि अस्पताल में भी टीकम का आंदोलन जारी है और वे मांग पूरी होने तक अनशन करते रहेंगे।
बीमा योजना फेल
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को पूरी तरह फेल करार देते हुए किसान नेता साहू ने कहा कि 90 प्रतिशत से ज्यादा किसानों को अत्यंत कम मुआवजा मिला है। उन्होंने कहा कि प्रभावकारी बीमा योजना के लिए किसान आंदोलन कर रहे हंै। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में की गई गड़बड़ी के खिलाफ न्यायालय और सड़क पर लड़ाई लड़ी जाएगी।
जबरिया कर्ज वसूली गलत
बीमा क्षतिपूर्ति राशि के ऋण खाते को गैरकानूनी बताते हुए किसान नेता साहू ने कहा कि इसके खिलाफ भी लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि कन्वर्सन के बाद जबरिया ऋण वसूली और ब्याजारोपण अनुचित है। उन्होंने कहा कि यह रिजर्व बैंक के लेन देन के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।