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पुलिस और फारेस्ट की टीम ने नए ठिकाने की तलाश में जंगल पहुंचे 600 ग्रामीणों को मुंगेली खदेड़ा, मारपीट हुई, दो घायल…

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बोड़ला ब्लॉक के दूरस्थ गांवों के करीब 600 बैगा आदिवासी पलायन कर मुंगेली जिले के खुडिया रेंज अंतर्गत सरगढ़ी जंगल में बसने पहुंच गए । सूचना पर मुंगेली पुलिस और फारेस्ट की टीम सरगढ़ी जंगल पहुंचे, जहां बड़ी संख्या में ग्रामीण डेरा डाले हुए थे। टीम ने बैगा- आदिवासियों को जंगल से खदेड़ा। इस दौरान ग्रामीणों से मारपीट हुई, जिसमें 2 लोगों के घायल होने की खबर है । वहीं 11 ग्रामीण लापता हो गए हैं । 3 ट्रैक्टर राशन सामग्री, गर्म कपड़े और सैकड़ों आधार कार्ड गायब हैं। पलायन कर सरगढ़ी जंगल में बसने गए सभी ग्रामीण बोड़ला ब्लॉक के ग्राम कुकरापानी, दलदली, तरलापानी, चंद्रापानी, धनवटी, लरबक्की और आमानारा के हैं। ये सभी 5 दिन पहले ही लोरमी (मुंगेली) के खुडिया रेंज के सरगढ़ी जंगल में रहने के लिए पहुंचे थे। सरगढ़ी इलाके के कक्ष क्रमांक- 467 में छोटे बच्चों, महिला और बुजुर्गों के साथ पहुंचे परिवार इस जगह पर स्थायी घर बनाकर बसना चाहते थे। ग्रामीणों की स्वस्फूर्त विस्थापन की जानकारी मिलने पर मुंगेली वन विभाग हरकत में आई। वन विभाग ने एटीआर और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर इन ग्रामीणों को बलपूर्वक हटाने की कोशिश की। इस दौरान दो ग्रामीण घायल हो गए हैं। अफरा-तफरी में 11 ग्रामीणों के लापता होने की बात सामने आई है।

गांव में रोजगार के नहीं है कोई भी साधन: सुखीराम
तरेगांव निवासी सुखीराम धुर्वे ने बताया कि उनकी गांव की जमीन एकदम खराब है, जिससे वहां खेती नही हो सकता। इसके लिए वे तत्कालीन मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह को वर्ष 2013 में आवेदन दिए थे। लेकिन खेती नहीं सुधर सका। सुखीराम ने बताया कि बार- बार आवेदन करने के बाद बोला गया कि उन्हें खुड़िया रेंज के सरगढ़ी गांव में 487 कंपार्टमेंट नंबर में बसाया जाएगा। वे उस जगह को देखकर और रहकर आए, तब आदेश दिया जाएगा। इसलिए वे अपने परिवार सहित घर छोड़कर सरगढ़ी गांव में आए थे।

खदेड़ने पर रात में ही पैदल जंगल के रास्ते निकल गए पीछे छोड़े सुलगते चूल्हे, जबरदस्ती भगाने का आरोप
फारेस्ट टीम के खदेड़े जाने पर ग्रामीण सरगढ़ी से निकलकर रविवार रात ही पैदल जंगल के रास्ते डिंडौरी की ओर निकल गए। शेष ग्रामीण सुबह अपने-अपने गांवों के लिए रवाना हुए। पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें जबरदस्ती भगाया जा रहा है। सरगढ़ी के जंगल में जहां ग्रामीण रहना चाहते थे, अब वहां कुछ सुलगते चूल्हे और जली लकड़ियों के अवशेष हैं। इधर एसडीओ का कहना है कि खुडिया रेंज में केअधिकारियों से बात कर रोजगार मुहैया कराने का आश्वासन देकर वापस भेजा है।

जिम्मेदारों के बोल
शांतिपूर्वक भेजा गया :
 मुंगेली एएसपी सीडी तिर्की का कहना है कि कबीरधाम जिले के बोड़ला ब्लाक के ग्रामीण सरगढ़ी में आकर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें समझाइश देकर उनके गांव वापस शांतिपूर्वक भेज दिया गया है।

दी समझाइश: लोरमी वन विभाग के एसडीओ चूड़ामणि सिंह ने बताया कि आजीविका को लेकर कवर्धा जिले के ग्रामीण खुडिया रेंज में आए थे। उन्होंने बताया कि उनको समझाया कि वन अधिकार 2005 के तहत कोई अधिकार नहीं मिल सकता। जहां रहते हैं, वहीं अधिकार मिलेगा।