रायपुर। राजधानी से बस्तर एवं ओडिसा के सुदूर क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं का पहुंचाने वाली कडी गुड्स ट्रांसपोर्ट परिवहन कर्ता परिवहन संघों की दादागिरी के चलते अपना व्यवसाय अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया है। परिवहन संघों का क्यू सिस्टम, कौन सी गाड़ी कौन सा माल भरेगी, किस भाड़े में भरेगी और किस व्यापारी का माल भरेगी आदि बातों पर दखल से परचून चील्हर बुकिंग करने वाले ट्रांसपोर्टर अत्यधिक परेशान हो चुके हैं। वे स्वेच्छा से ना अपना गाड़ी भरवा सकते हैं न माल बुक कर सकते हैं।
इन सबसे त्रस्त होकर परचून ट्रांसपोर्टरों ने एकजुट होकर राजधानी गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स, बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स को अपने समर्थन में लेकर इन परिवहन संघों के खिलाफ एक मुहिम छेड़ दी है। ट्रासपोर्टर का कहना है कि स्वेच्छा से व्यापार देश के प्रत्येक नागरिक का एक संवैधानिक अधिकार है। परिवहन संघों की दादागिरी व मनमानी नहीं चलेगी। ट्रांसपोर्ट व्यवसाय स्वतंत्रता पूर्वक अपना व्यवसाय कर सकते हैं।
शासन- प्रशासन ने इस बात की पुष्टि की है कि कोई भी संस्था किसी व्यक्ति विशेष या किसी व्यापारिक संस्था को उसकी स्वेच्छा के बगैर अपने अधीन रखकर कार्य नहीं करवा सकती। बस्तर क्षेत्र में यह परिवहन विवाद लंबा चल सकता है जिससे वहां पर आवश्यक वस्तुओं दवाई, अनाज, खाद्य तेल आदि वस्तु की आपूर्ति बाध्य होगी। परिवहन व्यवसायी किसी भी प्रकार की समझौते या किसी भी संघ के शर्तों के अनुसार चलने के लिए तैयार नहीं है। जब तक शासन-प्रशासन हस्तक्षेप करके कोई स्थाई हल नहीं निकालती है और जो उनका स्वतंत्रता पूर्वक व्यापार करने का जो मौलिक अधिकार है वह नहीं दिलाती है, तब तक वह मजबूरी में विवश होकर अपना व्यवसाय चील्हर परचून बुकिंग बंद रखेंगे।
इस बंद को स्वरूप चोपड़ा, प्रशांत अरोरा, महावीर जैन, दुर्गेश नाहटा, कमल गोलछा, उत्तम जयसवाल, विवेक देशमुख, सुनील सकुजा, मोनू अरोरा, समीर अरोरा, विक्की खत्री, गौतम जैन, अंकित जैन, रजनीश शुक्ला, संतोष दीक्षित, जय गांधी, खेम सिंग देवांगन, सुनील विश्वकर्मा, बबन ठाकुर, सुनील हिंदुजा समेत अन्य ट्रांसपोर्टर शामिल हैं। बंद जारी रहेगा।