बिलासपुर।केंद्र प्रवर्तित योजना अंतर्गत पढ़ना लिखना अभियान के तहत असाक्षरों को साक्षर किया जाएगा। इसी क्रम में कोरबा में स्रोत व्यक्तियों व कुशल प्रशिक्षकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शुरू किया गया। इस प्रशिक्षण के प्रथम दिन प्री टेस्ट लिया गया एवं समय-सारणी के अनुसार सत्र लिए गए। इस अभियान से संबंधित गूढ़ बातों पर समझ विकसित करने का प्रयास किया गया।
प्रशिक्षण में डीपीओ जिला साक्षरता कोरबा सीमा भाराद्वाज, सभी स्रोत व्यक्तियों प्रशिक्षक की उपस्थिति रही। इससे पूर्व जिले के असाक्षरों को चिन्हांकित कर वर्तमान डाटा तैयार किया जाएगा। इसके लिए नगरीय निकाय व ग्राम पंचायत क्षेत्रों में सर्वे कार्य किया जाएगा।
सर्वे दल कक्षा संचालन के लिए स्वयंसेवी शिक्षकों का भी चिन्हांकन करेंगे। इसके लिए सर्वे टीम कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए घर-घर दस्तक देगी और 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षरों की खोज करेगी। सर्वे दल की ओर से कौन किसको कहां पढ़ाएगा, इस पर कार्ययोजना भी तैयार की जाएगी।
प्रशिक्षक राज्य स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने अपने ब्लाक के स्वयंसेवकों को पढ़ना लिखना अभियान के पठन पाठन के लिए प्रेरित कर प्रशिक्षत करेंगे। प्रशिक्षण उपरांत चयनित स्थलों पर साक्षरता की कक्षाएं संचालित की जाएंगी। पढ़ना लिखना अभियान के तहत कक्षा संचालित करने वाले स्वयंसेवी शिक्षकों को नि:शुल्क स्वयंसेवी भावना से साक्षरता की कक्षाएं लेनी है। इसके लिए स्वयसेवकों को जिले व राज्य स्तर से सम्मानित किए जाएंगे।
15 वर्ष से अधिक आयु तक शिक्षा
पढ़ना-लिखना कार्यक्रम में निरक्षर लोगों को लोक शिक्षा केंद्रों और विभाग की ओर से निर्धारित की गई सार्वजनिक जगहों पर शिक्षा दी जाएगी। 15 वर्ष से ऊपर व 80 वर्ष की आयु तक कोई भी शिक्षा ग्रहण कर सकता है। उन्हें नियमित कक्षा में आना होगा, इसके बाद ही वे परीक्षा दे सकेंगे।
ग्राम पंचायत एवं मोहल्ला-पारा में असाक्षरों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी शामिल हो सकेंगे। असाक्षर को साक्षर करने में पढ़ना-लिखना और अंक ज्ञान को मापदंड के तौर पर निर्धारित किया गया है। जिले में इस अभियान से जुड़े डाटा एंट्री आपरेटरों को भी प्रशिक्षित किया जा चुका है।
अब मोहल्ला साक्षरता कक्षा पर जोर
चयनित ग्राम पंचायत एवं वार्ड में असाक्षरों का चिन्हांकन व सहयोगी दल का गठन, स्वयंसेवी शिक्षकों का चिन्हांकन, मैचिंग-बैचिंग (कौन-किसको-कहां पढ़ाएगा), मोहल्ला साक्षरता केंद्र के लिए स्थल का चिन्हांकन, वातावरण निर्माण के लिए नारा लेखन आदि कार्य के लिए रूपरेखा बनाई जाएगी।
इसमें ऐसे असाक्षरों का चिन्हांकन होगा, जो पहले साक्षरता कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके थे। ऐसे अर्द्ध नवसाक्षर जो एनआईओएस की परीक्षा में सी श्रेणी प्राप्त किए हों। ऐसे शिक्षार्थी जो लंबे अंतराल के कारण पढ़ना-लिखना या जोड़-घटाना नहीं आता हो या भूल गए हों, शामिल होंगे।