छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों को मुख्य धारा में लाने के लिए प्रशासन ने लोन वर्राटू यानी घर वापसी अभियान शुरू किया है। इसके तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों को उनका मनचाहा रोजगार दिया जाएगा। वहीं, अंदरूनी ग्रामीण इलाकों और इनामी नक्सलियों के गांवों में उनके पोस्टर लगाकर सरेंडर करने की अपील की जा रही है। दूसरी ओर ग्रामीणों ने भी हिम्मत दिखाते हुए नक्सलियों के बनाए जा रहे स्मारक को गिरा दिया है।

बड़े गुजरा में 8 जुलाई काे सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने खेती के लिए ट्रैक्टर मांगा था। इस पर उनका स्व सहायता समूह जय लय्योर, जय कम्माई (नौजवान अब खेती करेंगे) का गठन कर प्रशासन की ओर से सोमवार को ट्रैक्टर उपलब्ध कराया गया।
सरेंडर नक्सलियों ने बनाया जय लय्योर, जय कम्माई स्व सहायता समूह
प्रशासन अब सरेंडर करने वाले नक्सलियों को रोजगार दिलाने की दिशा में भी काम कर रहा है। अभी तक उन्हें पुलिस में ही भर्ती मिलती थी। अब वह अपनी पसंद का रोजगार और नौकरी कर सकेंगे। फिलहाल बड़े गुजरा में 8 जुलाई काे सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने खेती के लिए ट्रैक्टर मांगा था। इस पर उनका स्व सहायता समूह जय लय्योर, जय कम्माई (नौजवान अब खेती करेंगे) का गठन कर प्रशासन की ओर से सोमवार को ट्रैक्टर उपलब्ध कराया गया।
जिस गांव से 10 से ज्यादा नक्सली सरेंडर करेंगे, उन्हें कृषि उपकरण
जिला प्रशासन की ओर से नक्सलियों और ग्रामीणों के लिए एक और शुरुआत की गई है। प्रशासन ने नक्सलियों से अपील की है कि वह सरेंडर कर मुख्य धारा में लौट आएं। साथ ही कहा है कि जिस गांव से 10 से ज्यादा नक्सली सरेंडर करेंगे, उन्हें प्रशासन की ओर से कृषि उपकरण, ट्रैक्टर आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। जिससे वे अपने ही गांव में रहकर खेती कर सकेंगे।
पहली बार नक्सलियों के खिलाफ खड़े हुए ग्रामीण

किरंदुल क्षेत्र के अंदरूनी गांव हिरोली के पास जंगल में नक्सली गुड्डी का स्मारक बनवाना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी और डीआरजी टीम ने पहुंचकर ध्वस्त कर दिया।
दंतेवाड़ा में पहली बार ग्रामीण नक्सलियों के खिलाफ खड़े हो गए हैं। किरंदुल क्षेत्र के अंदरूनी गांव हिरोली के पास जंगल में नक्सली शहीदी सप्ताह मनाने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों पर दबाव बनाकर मुठभेड़ में मारे गए नक्सली गुड्डी का स्मारक बनवाना शुरू कर दिया। इस बीच ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। कुछ समय बाद मौके पर पहुंचे डीआरजी जवानों ने नक्सली स्मारक को ध्वस्त कर दिया।