जशपुर। पत्थलगांव का तमता जलाशय की मुख्य नहर क्षतिग्रस्त होने के बाद 4 गांव के सैकड़ों किसानों के खेतों में पानी नहीं मिल पा रहा है। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि तमता जलाशय का बांध के समीप इस क्षतिग्रस्त मुख्य नहर की रिपेयर नहीं हो पाने से यंहा पानी की बर्बादी के साथ आसपास के बड़े भू भाग में मिट्टी का लगातार कटाव हो रहा है। इससे बांध की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान लगने लगा है।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन अवधि के दौरान तमता जलाशय की क्षतिग्रस्त नहर के रिपेयर कार्य की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। सिंचाई के पानी की इस जटिल समस्या के कारण यंहा तमता, बालाझर, चन्दागढ़, पणडरीपानी गांव में सैकड़ों किसानों की ग्रीष्म ऋतु की धान की फसल के साथ सागसब्जी की फसल खेतों में ही बर्बाद हो जा रही है।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की इस लापरवाही के चलते तमता जलाशय में अन्य टूटफूट का काम भी नहीं हो पाने से इस बांध की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान लगने लगा है। पत्थलगांव एसडीएम राजपूत ने इसे जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों की गंभीर लापरवाही बताया है। उन्होंने कहा कि किसानों की फसल की बर्बादी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्वाई होनी चाहिए।