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छत्तीसगढ़ : नौजवान ज्यादा संक्रमित, कोरोना पीड़ितों में दो-तिहाई लड़के और युवा ही

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रायपुर . प्रदेश में अब तक आए कोरोना के 64 प्रतिशत मामले 16 साल से 35 साल के नौजवानों के बीच रहे हैं। जबकि 15 फीसदी पॉजिटिव केस 51 साल से 75 साल की उम्र के बीच हैं। राज्य में आयु समूहों के मुताबिक सबसे ज्यादा युवाओं के केस का ट्रेंड रहा है। भास्कर ने अब तक मिले राज्य में अब तक मिले कोरोना मरीजों के 59 मामलों का आयुवार विश्लेषण किया। छत्तीसगढ़ उन राज्यों में जहां कोरोना मरीजों की तेजी ठीक होने की रफ्तार बेहतर रही है। विभिन्न आयु समूहों में सबसे कम मामले 71 साल से 80 साल के उम्र के बीच के लोगों के हैं। अब तक केवल एक ही ऐसा केस मिला है। 21 से 25 वर्ष की उम्र के सबसे ज्यादा 13 केस रहे हैं। 
इसके बाद 31 साल से 35 साल के ग्रुप में ग्यारह और 26 से 30 साल उम्र के लोगों के बीच दस केस सामने आए हैं। 41 साल से 45 के बीच जहां पांच मामले रहे, वहीं 46 से 50 वर्ष के 4 केस सामने आए हैं। इसके बाद 51 से 55, 56 से 60, 61 से 65 और 66 से 70 लोगों के बीच दो-दो मामले रहे हैं। राज्य में अब दस एक्टिव केस हैं। बुजुर्गों और नवजात शिशुओं के मामले में भी छत्तीसगढ़ बेहतर रहा है। शून्य से पांच साल की उम्र का और 71 से 75 साल की उम्र के केवल एक-एक केस ही सामने आया है। 

बड़ी उम्र में नहीं, इसका मतलब ये नहीं कि वो खतरे से बाहर हैं 
एम्स के डायरेक्टर डॉ. नितिन एम नागरकर के मुताबिक ज्यादातर केस नौजवानों के बीच रहे हैं, क्योंकि विदेश हो या चाहे अन्य राज्य पढ़ाई रोजगार जैसे कामों के लिए स्वभाविक तौर पर उन्हीं का मूवमेंट ज्यादा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिक उम्र के लोगों के बीच केस नहीं मिलने से ज्यादा उम्र के लोगों को बेफिक्र होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि भविष्य में किसी तरह की लापरवाही बरतने पर वो भी इसकी जद में आ सकते हैं। नागरकर के मुताबिक प्रवासी मजदूरों के आने के बाद सैंपलों की जांच के बाद कैसी तस्वीर भविष्य में आएगी, ये अभी कह पाना मुश्किल है।    

मरीज बढ़ने पर बदल सकता है ट्रेंड 
अभी तक प्रदेश में मरीजों की तादाद भी कम रही है। जानकारों की मानें तो इनकी संख्या बढ़ने के बाद आयु के लिहाज से ट्रेंड में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। देश के कई शहरों में भी ज्यादातर कोरोना पॉजिटिव केस नौजवानों के बीच मिले हैं। इसी तरह महिला पॉजिटिव केस भी प्रदेश में कम हैं। प्रवासियों के आने के बाद संभव है कि इस ट्रेंड में बदलाव देखने को मिले। 20 से 35 साल के बीच ज्यादा मामलों के बाद 41 से 45 के बीच के आयु समूह में भी ज्यादा केस देखे गए हैं।