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लॉकडाउन के 38 दिन बाद तेलंगाना से झारखंड के लिए पहली स्पेशल ट्रेन चली, ट्रेन की खिड़की से मजदूरों ने हाथ हिलाकर कहा – जय हिंद, चेहरे पर लौट आई रौनक…

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लॉकडाउन के 38 दिन बाद तेलंगाना से झारखंड के लिए पहली स्पेशल ट्रेन चली। शुक्रवार शाम साढ़े पांच बजे ट्रेन 1225 प्रवासी मजदूरों को लेकर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। इस दौरान खिड़की से झांक रहे मजदूरों की आंखों में घर जाने की खुशी साफ नजर आई। उन्हें यहां भोजन, पानी मुहैया कराया गया। प्लेटफार्म नंबर एक पर ट्रेन के रुकते ही रेलवे सुरक्षा बल के जवानों ने जब उन्हें भोजन का पैकेट और पानी उपलब्ध कराया तो मजदूरों ने भी खिड़की से हाथ हिलाकर कहा- जय हिंद।

झारखंड सरकार की मांग पर रेलवे बोर्ड ने साउथ सेंट्रल एरिया तेलंगाना से झारखंड के हटिया तक एक स्पेशल ट्रेन रवाना किया। बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर क्रू मेबरों की अदला-बदली के लिए ट्रेन रोकी गई। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। प्लेटफार्म सहित पांच सौ मीटर के दायरे को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। किसी भी बाहरी व्यक्ति या मीडिया के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। 24 बोगी वाली स्पेशल ट्रेन के पहुंचते ही रेलवे के आला अधिकारी सक्रिय हो गए। इस ट्रेन का कमर्शियल स्टॉपेज नहीं था। केवल ऑपरेशन स्टॉपेज दिया गया था यानी ड्राइवर और गार्ड बदले गए। दो मिनट में आरपीएफ ने सभी बोगी में भोजन के पैकेट और पानी पहुंचाया। भूखे प्यासे मजदूरों को जब भोजन नसीब हुआ तो उनके चेहरे पर रौनक लौट आई।

हर किसी को घर पहुंचने की थी जल्दी

प्रवासी मजदूरों के चेहरे पर घर पहुंचने की जल्दी और जिंदगी जीने एक उम्मीद दिखी। खिड़की पर बाहर की दुनिया को निहारते हुए कुछ भावुक भी नजर आए। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच ट्रेन में सुरक्षा के इंतजाम देखकर वे डरे व सहमे हुए थे। खिड़की से बार-बार हाथ हिलाकर स्वास्थ्य विभाग, रेलवे और लोगों का अभिभादन कर रहे थे।

ट्रेन में शारीरिक दूरी का पालन

ट्रेन के भीतर बोगी में शारीरिक दूरी का पालन किया गया। तीन सीटर पर केवल एक मजदूर को बिठाया गया था। आइआरसीटीसी द्वारा कुल 1240 भोजन के पैकेट व पानी की बोतल उपलब्ध कराई गई। ट्रेन के रुकते ही बोगी के दरवाजे को सैनिटाइज्ड किया गया।