रायपुर. कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौर में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के जिलों को कोविड-19 के अनुसार कलर जोन में बांटा है. देशभर के 130 जिले रेड जोन , 284 जिले ऑरेंज जोन और 733 जिलों को ग्रीन जोन में रखा गया है. बात अगर छत्तीसगढ़ की करें तो सूबे की राजधानी रायपुर को ऑरेंज जोन से बाहर कर रेड जोन में शामिल किया गया है. तो वहीं प्रदेशभर में सर्वाधिक मरीज जिस कोरबा जिले से आए उसे रेड से हटाकर ऑरेंज जोन में शामिल किया गया है.
इनके अलावा 25 जिलों को ग्रीन जोन में रखा गया है. कोरबा को रेड से हटाकर ऑरेंज जोन में शामिल करने के पीछे 16 अप्रैल के बाद 30 अप्रैल तक लगातार 14 दिनों तक कोरबा में किसी भी नए मरीज का नहीं मिलना को बताया जा रहा है. तो वहीं रायपुर को ऑरेंज जोन से बाहर कर रेड जोन में शामिल करने के पीछे प्रदेश में कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 40 का होना और 02 के अलावा अन्य 38 को उपचार के लिए रायपुर लाया जाना बड़ा आधार बताया जा रहा है.
केंद्र ने जारी की ये सूची
केंद्र द्वारा जारी सूची में दुर्ग, राजनंदगांव और बिलासपुर जिले को ग्रीन जोन में रखा गया है, जबकि इन तीनों जिलों से कोविड-19 के एक-एक मरीज सामने आ चुके हैं. इन सब के अलावा सूरजपुर जिले को ग्रीन जोन वाले जिले की सूची में शामिल किया गया है, जबकि सूरजपुर जिले से अब तक कुल 3 मरीज सामने आए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव प्रीति सुदन द्वारा देशभर के जिलों को कलर जोन घोषित किया गया है.
रायपुर वासियों की बढ़ सकती हैं मुसीबतें
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार जिलों को कलर जोन के आधार पर ही कई तरह की छूट या अनुमति दी गई है. ऐसे में अब तक ऑरेंज जोन में शामिल रहे रायपुर को लॉकडाउन के दौरान दी जा रही रियायतें और छूट पर खतरा मंडराने लगा है. इतना ही नहीं केंद्र सरकार द्वारा अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को अपने राज्य में वापस लाने के निर्देश में रेड जोन वाले क्षेत्रों को अछूता रखा गया है, जिससे यह तय माना जा रहा है कि कलर जोन बदलने के बाद अब रायपुर वासियों की मुसीबत बढ़ सकती है.
नवगठित जिला पेंड्रा गौरेला-मरवाही गायब
छत्तीसगढ़ में 28वें जिले के रूप में अस्तित्व में आए पेंड्रा गौरेला मरवाही जिले को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा जारी कलर जोन में शामिल नहीं किया गया है, जबकि यह जिला सीमावर्ती राज्य वाले जिलों में शामिल हैं.