सुकमा. कोरोनो वायरस की हर कोई कीमत चुका रहा है. मजदूरों की ऐसी मजबूरी की उन्हें 400 किलोमीटर पैदल चलकर आना पड़ रहा है. मजदूरी करने हैदराबाद गए छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के 17 मजदूर पैदल चलकर 4 दिनों में कोंटा पहुंचे. इस दौरान रास्ते में उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा. हालांकि खाने के लिए गांव-गांव में ग्रामीणों ने व्यवस्था कर दी थी. यहां स्वास्थ्य जांच कर क्वारंटाइन किया जाएगा उसके बाद ही उन्हे घर भेजा जाएगा.
कोरोना प्रकोप के सबसे ज्यादा प्रभावित मजदूर वर्ग हुआ है. क्योंकि अपने घरों से मीलों दूर मजदूर करने गए मजदूरों का सब्र टूट चुका है. अब वो पैदल ही अपने घर जाने के लिए रवाना हो गए है. ऐसे ही 17 मजदूर कोंटा पहुंचे हैं. वे मजदूर कोंटा से करीब 400 किलोमीअर दूर हैदराबाद से पैदल चलकर वो भी मात्र 4 दिनों में पहुंचे हैं. मजदूरों ने बताया कि 22 अप्रैल को वो हैदराबाद से रवाना हुए थे और रास्ते में उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा. हालांकि खाने की व्यवस्था बीच-बीच में गांव वालों ने कर दी थी. यहां बोर्डर पर उनका स्वास्थ्य जांच हुआ. उसके बाद उन्हें क्वारंटाइन किया जाएगा. उसके बाद ही उन्हे गांव भेजा जाएगा. सभी मजदूर सुकमा जिले के तालनार इलाके के रहने वाले हैं.
इसलिए पैदलचलकर आए
मजदूर सोमनाथ नाग ने बताया कि सुकमा जिले के 17 मजदूर तेंलगानान गए हुए थे. वहां पर पिछले दो माह से मजदूरी कर रहे थे, लेकिन कोरोना के कारण वहां कामकाज ठप्प हो गया. काफी दिन इंजतार किए, लेकिन लॉकडाउन बढता जा रहा था. इसलिए हैदराबाद से पैदल चलकर कोंटा पहुंचे है.