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गरीब परिवारों को सरकार ने दी बड़ी राहत, मिलेगा दो महीने का मुफ्त राशन

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रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने प्रदेश के गरीब परिवारों को एक बड़ी राहत देते हुए अप्रैल और मई का चावल निःशुल्क देने का निर्णय लिया है. इस संबंध में राज्य शासन के खाद्य विभाग द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को आदेश भी जारी कर दिया गया है. कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण की रोकथाम के प्रबंधन के तहत राज्य सरकार द्वारा गरीब परिवारों को यह बड़ी राहत दी है.

मालूम हो कि राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत अन्त्योदय, प्राथमिकता, निःशक्तजन, एकल निराश्रित और अन्नपूर्णा श्रेणी के राशन कार्डधारियों को अप्रैल और मई महीने के चावल का वितरण एक मुश्त करने के निर्देश राज्य सरकार द्वारा पहले ही दिए गए हैं. इसी कड़ी में अब अन्त्योदय, प्राथमिकता, निःशक्तजन, एकल निराश्रित और अन्नपूर्णा श्रेणी के राशन कार्डधारकों को चावल का वितरण भी सरकार मुफ्त करने वाली है.

Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel has decided that all poor families in the state will be provided free rice under Public Distribution System for the months of April and May: Chief Minister’s Office #COVID19

— ANI (@ANI) March 24, 2020

सरकार की हिदायत
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने दूसरे राज्यों से लौटे ग्रामीणों की सेहत को ध्यान में रखते हुए अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं. विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को एक सर्कुलर जारी कर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और प्रवास से लौटे लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं.

राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अन्त्योदय, प्राथमिकता, निःशक्तजन, एकल निराश्रित एवं अन्नपूर्णा श्रेणी के राशन कार्डधारियों को माह अप्रैल और मई 2020 के चावल का वितरण एक मुश्त एवं #निःशुल्क किया जाएगा।

— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 24, 2020

विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी ने सर्कुलर जारी कर कोरोना संक्रमण के खतरे से निपटने के लिए अन्य राज्यों से लौटकर गांव आ रहे लोगों पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने लौटने वाले ग्रामीणों का किसी भी तरह का विरोध रोकने ग्राम पंचायतों के माध्यम से आवश्यक कदम उठाने कहा है. साथ ही बाहर से लौटे लोगों को मितानिनों के माध्यम से परामर्श उपलब्ध कराने को कहा है. साथ ही प्रवास से लौटने वाले ग्रामीणों को 14 दिनों तक अपने घर में ही रहने और इस दौरान किसी से नहीं मिलने की सलाह भी दी है.