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20 किमी का सफर तय कर ही नसीब होता है खाने का राशन

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सुकमा जिले के पोलमपल्ली थाना क्षेत्र से 20 किमी दूर जग्गावरम के ग्रामीण हर दूसरे रोज अपने दाने पानी के लिए जद्दोजहद में लगे रहते हैं।

सुकमा जिले के पोलमपल्ली थाना क्षेत्र से 20 किमी दूर जग्गावरम के ग्रामीण हर दूसरे रोज अपने दाने पानी के लिए जद्दोजहद में लगे रहते हैं। जग्गावरम के निवासी गांव से 10 किमी दूर पोलमपल्ली में स्थित सरकारी राशन दुकान पगडंडियों व नालों से होते हुए पहुंचते हैं, महीने भर का राशन लेकर 10 किमी साइकिल में लादकर वापस अपने गांव जाते हैं तब जाकर कहीं इन ग्रामीणों को खाना नसीब होता है। पोलमपल्ली थानाक्षेत्र में पालामड़गु, कोलाईगुड़ा, जग्गावरम जैसे कई ऐसे पंचायत हैं जहां के निवासियों को पोलमपल्ली में संचालित सरकारी राशन दुकान के लिए मीलों का सफर तय करना पड़ता है।

जुडूम के बाद राशन दुकान किया गया स्थानांतरित

सलवा जुडूम के दौरान कई आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र नक्सल प्रभावित इलाके में तब्दील हो गए, जिस्रवजह से वहां किसी तरह की शासकीय योजनाओं को पहुंचा पाना काफी मुश्किल था ऐसे में प्रशासन ने कई हितग्राहीमूलक योजनाओं को मुख्यालय के नजदीक पंचायतों से संचालित किया, जिसमें से एक पोलमपल्ली पंचायत में भी सरकारी राशन दुकानें स्थानांतरित कर संचालित किया जाने लगा।

बरसात में उफनती नदी-नालों की चुनौती

ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों की परेशानियां बरसात के मौसम में दोगुनी हो जाती हैं जब क्षेत्र के नदी नाले उफान पर होते हैं जिससे गांव टापू में तब्दील हो जाता है। ऐसे हालात में लोगों का कामकाज व रोजमर्रा की जिंदगी काफी प्रभावित होता है, पर आपातकालीन स्थिति में मजबूरन जान जोखिम में डाल कर लोग उफनती नदी-नालों को पार करते हैं, जिससे हमेशा जान का खतरा बना होता है।