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स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव एक दिवसीय दौरे पर बस्तर पहुँचे भाजयुमो ने सौंपा ज्ञापन…

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भाजयुमो के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को एक दिवसीय प्रवास पर बस्तर पहुँचे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को बस्तर में बीते साल 8 सौ से अधिक हुए बच्चों की मौत के मामले और स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है 2019 जनवरी से दिसम्बर 2019 तक लगभग 804 बच्चो की मौत मेडिकल कॉलेज जगदलपुर के शिशु रोग विभाग में हो चुकी है। लगभग छह जिलो में नवजात के इलाज की कोई सुविधा नही है। उन्होंने कहा कि मरने वाले में 575 बच्चों की उम्र तो महज एक दिन से लेकर 30 दिन तक की थी। वही 235 बच्चे ऐसे थे जिनकी उम्र 30 दिन से लेकर 9 साल तक तक है। पिछले तीन सालो का रिकार्ड कांग्रेस सरकार ने तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि इतनी भयावह स्थिति आज तक कभी नही हुई। सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी है। उनका कहना था कि छह जिलो में तो किसी भी सरकारी हॉस्पिटल में नवजात बच्चो की इलाज की सुविधा नही है। इसलिए तत्काल इन सरकारी हॉस्पिटल में सुविधा मुहय्या कराई मांग भाजयुमो ने की है। अस्पतालों में स्टाफ नर्सो की भी भारी कमी के चलते नई भर्ती करने की मांग भी की गई है। एनआईसीयू में 72 नर्सो की जरूरत है लेकिन 15 ही नर्स यहां है,वही पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में एक भी सीनियर रेसिडेंट नही है। उन्होंने कहा कि आज भी गर्भवती महिलाएं कुपोषित और एनीमिक है। आज छत्तीसगढ़ सरकार इस पर काबू नही कर पाई है। उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामी की वजह से इस प्रकार से बच्चों की मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि गर्भवतियों की जांच वाले आरसीएच रजिस्टर में फर्जी एंट्री किया जाता है एवम ग्रामीण महिलाओं की सोनोग्राफी भी नही होती है। 9 हजार गर्भवतियों में से 7 हजार की बिना सोनोग्राफी के ही डिलीवरी हुई है। पूरे संभाग के सब सेंटर,पीएचसी और सीएससी में सोनोग्राफी की भी सुविधा नही है,तुरंत सुविधा दिलाने की मांग भाजयुमो ने की है। पूरे बस्तर जिले के किसी भी सीएचसी और पीएचसी में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा ही नही है। उन्होंने कहा कि दरभा और बकावंड के डॉक्टरों को सिजेरियन डिलीवरी के लिए विशेष ट्रैनिंग दी गई थी। शाम के बाद सब सेंटर,पीएचसी बंद हो जाते है इसे खोला जाय एवम स्टाफ भी वहां रखा जाए। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं की जांच तक नही होती है, इसके लिए तत्काल कोई निर्णय लिया जाए। उन्होंने 9 महीने में मरने वाले 804 मासूमो की मौत का जिम्मेदार प्रदेश सरकार को बताया है। उन्होंने कहा कि महारानी हॉस्पिटल सिर्फ फ़ोटो खीचने का स्थान बन चुका है। अगफ यहां रेबिस का इंजेक्सन लगाना हो तो मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है। भाजयुमो ने इन सारी समस्याओं का जल्द से जल्द व्यवस्था को दुरस्त करने की बात कही है। व्यवस्था दुरुस्त नही होने पर उग्र आंदोलन की चेतवानी दी है। इस दौरान भाजयुमो के प्रतिनिधि मंडल में रजनीश पाणिग्रही, संग्राम सिंह राणा, प्रकाश रावल, रितेश जोशी, आनंद झा, अतुल सिम्हा, जयराम सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।