केंद्र सरकार साेमवार काे नागरिकता संशोधन बिल मतलब सीएबी काे संसद में पेश करने जा रही है। जिसका पूरे देश में खुलकर विरोध हो रहा है, खासकर पूर्वाेत्तर राज्याें और पश्चिम बंगाल में। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इसका लम्बे समय से कड़ा विराेध कर रही हैं।
इसके चलते बनर्जी ने हाल ही में कहा है कि सीएबी और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्ट्रेशन (एनआरसी) एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। यह विधेयक संविधान के बुनियादी सिद्धांताें के खिलाफ है। उन्हाेंने कहा कि मैं इनका अंतिम सांस तक विराेध करूंगी। एनआरसी के भय से राज्य में कम से कम 30 लाेग खुदकुशी कर चुके हैं।
वहीं दूसरी ओर टीएमसी नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा है कि सीएबी पेश किए जाने की संभावना काे देखते हुए पार्टी ने अपने सभी सांसदाें काे साेमवार से 4 दिन के लिए सदन में माैजूद रहने का व्हिप जारी किया है।
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार साेमवार काे लाेकसभा में सीएबी पेश कर सकती है। इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से धर्म के आधार पर उत्पीड़न के कारण भारत आए गैर-मुस्लिमाें काे नागरिकता देने का प्रावधान है। विराेध काे देखते हुए संशाेधित कानून असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा में लागू नहीं होगा।