छत्तीसगढ़ में आदिवासी आरक्षण के खिलाफ हल्ला बोल आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं. इस आंदोलन के लिए 18 नवंबर की तारीख तय की गई है. आंदोलनकी तैयारी जोरों पर चल रही है. सर्व आदिवासी समाज ने 18 नवंबर को छत्तीसगढ़ बंद का ऐलान भी किया है. नगरीय निकाय चुनाव में हुए आरक्षण के खिलाफ आदिवासी वर्ग मुखर हो रहा है. इसके अलावा अपने हकों के लिए वे आंदोलन करेंगे.
छत्तीसगढ़ में सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष बीपीएस नेताम ने नगरीय निकाय चुनावों में आरक्षण के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया है. नेताम ने बताया कि आंदोलन आदिवासी समाज अपनी दो अहम मुद्दों को लेकर करेगा. इसमें प्रमुख तौर पर नगरीय निकाय चुनावों में किए गए आरक्षण में आदिवासियों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिलना और दूसरी मांग जंगल से आदिवासियों को बेदखल करने का कानून बनाने को लेकर है. दोनों मांगों को लेकर प्रदेश के आदिवासी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेंगे.
एक निगम ही एसटी आरक्षित
बीपीएस नेताम का कहना है कि नगरीय निकाय चुनाव में नगर निगमों में महापौर और पालिकाओं में अध्यक्ष पद के लिए किए गए आरक्षण में वर्गवार समानता नहीं रखी गई है. प्रदेश के 13 में से सिर्फ एक नगर निगम में ही महापौर पद को को ही एसटी आरक्षित किया गया है. इसके अलावा 100 से अधिक पालिकाओं में भी अध्यक्ष पद के आरक्षण में समानता नहीं रखी गई है. इसके खिलाफ ही प्रदेश के आदिवासी मुखर हो रहे हैं.