छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के स्कूलों में टीचर नहीं पहुंच रहे । किसी ने अपनी खराब तबीयत का हवाला दे दिया तो किसी ने कुछ और परेशानी बता दी। अब आलम यह है कि इन स्कूलों में बच्चे भी नहीं आ रहे और पढ़ाई चौपट हो रही है। मामला मानपुर,मोहला सहित वनांचल दर्जनों स्कूलों से जुड़ा है। इन टीचर्स को महज एक माह के लिए अध्यापन व्यवस्था के तहत भेजा गया था। अब खबर है कि स्कूल, शिक्षा विभाग की ओर से ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। ऐसे शिक्षकों को जल्द ही नोटिस दिया जाएगा।
पढ़ाई सुधारने लिया गया फैसला पड़ा भारी
- जिले के जंगली इलाकों के गांवों में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के मकसद से मैदानी इलाके में स्कूलों के शिक्षकों की सूची तैयार कर अध्यापन व्यवस्था के तहत एक माह के लिए इन इलाकों में भेजने का आदेश जारी किया गया था। अफसरों ने स्पष्ट कर दिया था कि एक से दो माह के भीतर ट्यूटर की भर्ती होते ही शिक्षकों को मूल शालाओं में वापस बुला लिया जाएगा। डीईओ हेमंत उपाध्याय ने कहा कि ये शिक्षक जब स्कूल लौटेंगे तब कारण पूछा जाएगा। निर्धारित नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। जानकारी मिली है कि एक-दो को छोड़कर अन्य ने ज्वॉइनिंग नहीं दी।
- इस फैसले से शिक्षकों का बड़ा धड़ा नाराज है। इस मामले की प्रभारी मंत्री से शिकायतें की। करीब 128 शिक्षक स्कूल ज्वाइन तो दूर देखने तक नहीं गए। इस वजह से वनांचल के स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई चौपट है। विशेषकर उन स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो पा रही है जहां एक या फिर दो शिक्षक कार्यरत हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के अफसर मेडिकल रिपोर्ट का सत्यापन कराने की भी तैयारी में हैं। गौरतलब है कि शिक्षकों ने जारी आदेश को निरस्त करने की मांग करते हुए हड़ताल शुरू कर दी थी।