असम NRC की फाइनल लिस्ट से बाहर किए गए 12 लाख हिंदुओं के समर्थन हिंदू संहति संगठन उतर गया है। इस संगठन ने कोलकाता स्थित असम भवन के सामने प्रदर्शन किया। संहति के कार्यकर्ताओं ने असम भवन के पदाधिकारियों को इस संबंध में एक ज्ञापन भी सौंपकर अपनी मांग रखी।
हिंदू भारत की संतान
हिंदू संहति के प्रदेश अध्यक्ष देवतनु भट्टाचार्य ने कहा है कि Assam NRC से बाहर रह गये 900 हिंदुओं को डिटेंशन कैंप में रखा गया है। इनमें से एक व्यक्ति दुलाल पाल की डिटेंशन कैंप में मौत हो गयी। साथ ही कहा कि एनआरसी में 12 लाख हिंदुओं को शामिल नहीं किया गया, जबकि हिंदू भारत की संतान हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू भारत में नहीं रहेंगे, तो कहां रहेंगे।
नागरिकता संशोधन विधेयक लागू किया जाए
भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार कह रही है कि नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) लागू किया जायेगा और सभी हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता दी जायेगी। हालांकि यह विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है, लेकिन राज्यसभा से अभी तक पारित नहीं हुआ है। क्या एनआरसी से बाहर रह गये हिंदू नागरिक विधेयक का इंतजार करेंगे।
हिंदुओं को नागरिकता दी जाये
उन्होंने यह भी कहा कि सात सितंबर, 2015 को केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी की थी। उस अधिसूचना में प्रावधान है कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से पीड़ित हिंदुओं को भारत में शरणार्थी का दर्जा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस अधिसूचना के तहत ही हिंदुओं को नागरिकता (Indian Citizenship) दी जाये और उनके नाम एनआरसी की सूची में शामिल किये जायें।