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छत्तीसगढ़ – पट्टे के लिए आय और आधार समेत 13 बिंदुओं में ले रहे जानकारी…

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आवासहीनों को पट्टे वितरित करने के लिए आय और आधार नंबर समेत 13 बिंदुओं में जानकारी ली जा रही है। प्रारूप क में उक्त सारी जानकारी शपथ पत्र के साथ देने के बाद अफसर इसका सत्यापन करेंगे और विकास शुल्क की पहली किश्त लेने के साथ ही पट्टा वितरित किया जाएगा।

राज्य सरकार ने शहरी इलाकों में पट्टा वितरित करने का जो एलान किया है। उसमें हितग्राहियों से आवेदन लेने के लिए प्रारूप क भरवाया जा रहा है। इसमें संबंधित हितग्राहियों को 13 बिंदूओं में जानकारी देनी है। आवेदन करने वाले का नाम से लेकर मोहल्ले का नाम, मकान नंबर,संबंधित भूखंड पर निवास की अवधि,भूखंड का क्षेत्रफल,परिवार में सदस्यों की संख्या,महिलाओं की संख्या, आधार नंबर, व्यवसाय एवं सालाना आय के अलावा शपथ पत्र भी जमा करवाना होगा। उक्त सारी जानकारी मिलने के बाद सर्वे के लिए बनाई गई 22 टीम इसका सत्यापन करेगी और प्राधिकृत अधिकारी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जिले में कलेक्टर ने इन अफसरों को 25 अक्टूबर तक सर्वे एवं सत्यापन का काम पूरा करने कहा है। पट्टे के लिए आवेदन मिलने के बाद नोडल अफसरों द्वारा इसमें 7 दिन के भीतर दावा आपत्ति लेने की कार्रवाई की जाएगी और नवंबर के आखिर से पट्टा वितरित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जिले में रायगढ़ नगर निगम समेत सारंगढ़ एवं खरसिया नगर पालिका तथा 7 नगर पंचायतों में 19 नवंबर 2018 तक निवासरत झुग्गीवासियों को जिनके पास आवास का स्थायी पट्टा नहीं है, उन्हें स्थायी पट्टा दिया जाना है। इसके लिए वार्डों में जनप्रतिनिधि से लेकर भू माफिया भी हावी हो गए हैं।

आवासहीनों को पट्टा देने के लिए सरकारी किसी तरह का भू भाटक या लगान तो नहीं ले रही है लेकिन विकास शुल्क के नाम से हितग्राहियों से यह राशि वसूलनी है। अब शासन ने इसमें भी संशोधन कर दिया है और अब यह राशि एकमुश्त की जगह साल में 4 किश्तों में देनी होगी। अप्रैल, जुलाई,अक्टूबर व जनवरी माह में विकास शुल्क की यह किश्त जमा की जाएगी। शहर में पट्टा लेने के लिए यह राशि 10 रूपये प्रतिवर्ग फिट की दर से होगी तो नगर पंचायतों में यह राशि 5 रूपये प्रतिवर्ग फिट है।

शहर में ज्यादातर नजूल जमीन अतिक्रमण की भेंट चढ़ रखी है। इसमें कई तो सार्वजनिक उपयोग की हैं। नियमों के अनुसार अगर कोई भूमिहीन नगरीय क्षेत्रों में सड़क, तालाब, नहर व सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर काबिज है तो उसे संबंधित भूमि की पट्टे की पात्रता नहीं होगी। इसलिए ऐसे लोग अपना काम करवाने के लिए वार्ड के जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगा रहे हैं। निकाय चुनाव करीब है। इसलिए भले ही ऐसे आवेदनों में कुछ ना हो लेकिन इलाके के नेता पट्टा दिलाने के लिए पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं।