17 हाथियों के दल ने गुरुवार की रात जोबा और अछोली में जमकर तबाही मचाई। हाथियों ने यहां करीब 50 एकड़ फसल को नुकसान पहुंचाया। वहीं हाथियों के कुचलने से एक गाय और बछड़े की मौत हो गई। शुक्रवार की सुबह ग्रामीणों ने खेतों में मवेशियों की लाश देखी तो उनके होश उड़ गए। वहीं ग्रामीणों की मानें तो हाथियों के चिंघाड़ने की आवाज से क्षेत्र में रातभर दहशत का माहौल था।
ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग यदि हाथियों पर काबू नहीं पाएगा तो आने वाले दिनों में जनहानि हो सकती हैं। हाथी भगाओ फसल बचाओ समिति के पदाधिकारी राधेलाल सिन्हा ने बताया कि गुरुवार रात 9.30 बजे ग्राम जोबा के किसान नहर में बैठे हुए थे। कुछ किसान खेतों की सिंचाई कर रहे थे। इस दौरान 17 हाथियों का दल चिंघाड़ते हुए कुकराडीह बंजर से जोबा की ओर आ रहा था। हाथियों के चिंघाड़ने की आवाज सुनकर सभी किसान वहां से अपने-अपने घर चले गए। हाथी जैसे ही ग्राम जोबा पहुंचे उसी दौरान एक बछड़े का सामना हाथियों के दल से हाे गया। हाथी बछड़े को फुटबॉल की तरह घसीटते रहे। इसके बाद दल फसलों को बर्बाद करते हुए अछोली की ओर बढ़ा।
यहां भी हाथियों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया और वापस फिर से जोबा की ओर रवाना हुए। यहां हाथियों ने फिर से एक गाय को कुचल दिया। हादसा इतना भयानक था कि मवेशी का आधा हिस्सा जमीन के भीतर धंस गया था। इधर, वन िवभाग के एसडीओ एसएस नाविक का कहना है कि किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।