अंधेरे में तीन माह से डूबे वनांचल क्षेत्र के एक दर्जन से भी ज्यादा गांव में बिजली आपूर्ति करने विभाग ने सुधार कार्य शुरू कर दिया है। ठेका पद्धति से कराए जा रहे सुधार कार्य में सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है। बिना सुरक्षा उपकरण मजदूर खंभे में चढ़ कर तार लगाने का काम कर रहे हैं।
पाली वितरण केंद्र अंतर्गत सघन वनांचल क्षेत्र में लगभग 15 हजार की आबादी वाले हाथीबाड़ी, फारापखना, बारी उमराव, नीमपानी, जलहल, भदभद, सुरका, सफलवा, पहाड़गांव, बाईसेम्हर, तेलरसा, रामाकछार, उड़ान समेत अन्य गांव में बारिश शुरू होते ही खराबी आने से बिजली सप्लाई बंद हो गई थी। ग्रामीणों ने इस संबंध में वितरण विभाग के समक्ष कई बार शिकायत दर्ज कराई, पर विभाग के मैदानी अमले ने सुधार कार्य नहीं कराया। इससे ग्रामीणों को अंधेरे में गुजर बसर करना पड़ रहा था। जंगली क्षेत्र होने के कारण जानवर व जीव-जंतु का खतरा भी मंडरा रहा था। रविवार को नईदुनिया में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद वितरण विभाग के अफसरों की नींद खुली और आनन-फानन में सुधार कार्य शुरू कराया गया। बताया जा रहा है कि वनांचल क्षेत्र में लगे खंभे के इंसुलेटर आकाशीय गर्जना से टूट गए थे। इन सभी इंसुलेटर को बदलने के साथ ही टूटे तार को भी जो़़ड़ने का काम शुरू कर दिया गया है। विभाग मेंटेंनेंस का काम ठेका पद्धति से करा रहा है। ठेकेदार अपने कर्मियों से खंभे में बिना सुरक्षा उपकरण चढ़ाकर काम करा रहा है। मजबूरीवश कर्मी खंभे में चढ़ कर सुधार कार्य कर रहे हैं। इससे उन्हें जान का खतरा बना हुआ है। संभावना जताई जा रही है कि सोमवार तक सभी क्षेत्र में बिजली सप्लाई शुरू कर दिया जाएगा। इसके ग्रामीणों को काफी राहत मिलेगी। गौरतलब है कि ग्राम में बिजली नहीं होने पर ग्रामीणों का कहना था कि घर में बिजली कनेक्शन अवश्य लगा हुआ है। इससे ग्रामवासी टीवी, मोबाइल समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान का उपयोग कर रहे हैं, पर तीन माह से ये सभी सामान घर की शोभा बढ़ा रहे हैं। बारिश शुरू होते ही लाइन में कहीं फाल्ट आया, इसके बाद बिजली बंद हो गई।