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पुलिस ने करवाया नक्सली का अंतिम संस्कार, पिता बोले- 14 की उम्र में उठा ले गए थे माओवादी…

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 छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के जंगलों हुई मुठभेड़ में मारी गई 22 साल की महिला नक्सली जुगनी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। बस्तर के दरभा के ग्रामीण इलाके में रहने वाले इस नक्सली के परिजन बेटी के शव को गांव ले जा पाने में असर्मथ थे। ऐसे में कवर्धा के ही मुक्तीधाम में पुलिस की मदद से जुगनी को दफनाया गया। बीते 29 सितंबर को जिले के सुरतिया के जंगलों में हुई मुठभेड़ में जुगनी मारी गई थी। इसके बाद से ही पुलिस परिजनों को तलाशने का प्रयास कर रही थी। जुगनी के पिता हड़मा बेको, बस्तर के गांव में रहकर कृषी का कार्य करते हैं।

नक्सलियों ने बेटी को बंदूक थमा दी

  1. हड़मा ने बताया कि उसकी बेटी जुगनी जब 14 साल की थी, तब गांव में आए नक्सलियों ने उसे अगवा कर लिया था। वह इसके बाद दूसरे गांव जाकर खेती करने लगे। मजबूर थे क्या करते। बेटी तब स्कूल जाया करती थी। नक्सली उसे अपने साथ ले गए और नक्सली बनाया। उसे बंदूक दे दी। इस महिला नक्सली का शव लेने उसके पिता के साथ, छोटी बहन रेता, मां लखमी हड़मा, बड़े पिता चंदरू, भाई पेस्सी, भीमा और जीजा हिड़मा कश्यप कवर्धा पहुंचे थे। पिता ने बताया कि नक्सली बनने के बाद वह कभी बेटी ने नहीं मिल पाए।
  2. मुठभेड़ के वक्त पुलिस के डीआरजी जवान सर्चिंग पर निकले थे। तभी सुरतिया के जंगल में नक्सलियों ने हमला कर दिया। जवानों ने भी फायरिंग की। इसी मुठभेड़ जुगनी की मौत हुई। जुगनी पर 2 लाख रुपए की इनाम भी था। एनकाउंटर के बाद घटनास्थल से पुलिस ने 6 पिट्ठू बैग, उसमें रखे 58,500 रुपए कैश, 315 बोर का रायफल व दस्तावेज बरामद किया था। प्राप्त दस्तावेजों में 14 मार्च 2019 को भोरमदेव अभयारण्य के वीरान गांव बकौदा में हुए पुलिस मुठभेड़ का जिक्र था।