छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने आमसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी समस्या नक्सली नहीं बल्कि कुपोषण है। आज 37.5 प्रतिशत बच्चे कुपोषित और 41.5 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी से ग्रसित हैं। इसे दूर करने के लिए हमने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर से सुपोषित छत्तीसगढ़ अभियान चलाने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 8 महीने में हमारी सरकार ने पुरखों के सपनों को साकार करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 2500 रूपये प्रति क्विंटल में धान खरीदने का निर्णय केवल चुनावी दृष्टिकोण से नहीं लिया है। हम इसे किसानों को मजबूत बनाने का जरिया मानते हैं। इस साल और इसके बाद भी हम 2500 रूपये क्विंटल के हिसाब से धान खरीदते रहेंगे। उन्होंने किसानों को समझाया कि यह सरकार आपकी है। इसलिए अपने पट्टे में केवल अपना धान ही बेचंे। कोई कोचिया अथवा अन्य व्यक्ति को न दें।
उन्होंने कहा कि हमने आदिवासियों की खरीदी गई जमीन का इस्तेमाल नहीं किये जाने के कारण उन्हें फिर से वापस कर दिया। इस तरह एक बार खरीदने के बाद पुनः जमीन वापस करने वाली देश-विदेश की पहली सरकार है। वन अधिकार पत्रक के सम्बंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विघ्नसंतोषी किस्म के लोग आदिवासियों को हित नहीं चाहते, इसलिए मामले को कोर्ट ले गए। उन्होंने बताया कि न्यायालय ने केवल दो महीने के लिए प्रतिबंध लगाया है। इसके बाद हम फिर से यह काम शुरू करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मुफ्त शिक्षा का दायरा 12 वीं तक बढ़ा दिया है। देश का पहला राज्य है जो कि मुफ्त शिक्षा 12 वीं तक दिया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी हमारी छत्तीसगढ़ी संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। गौपालन हमारे ग्रामीण जीवन मंे रचा-बसा है। इसे किसी से प्रशिक्षण लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरे गांव के हर खेत को घेरने के बदले हम गौठान का घेराव करें। गौठान में गांव के पूरे गाय-बैल रहेंगे। उनके खाने-पीने की व्यवस्था होगी। गौठान में पक्की संरचना के बदले घास-फूस की अस्थाई व्यवस्था की जानी चाहिए। महिलाएं यहां के गोबर से जैविक खाद बनाएं। उन्हें भी रोजगार मिलेगा और आमदनी भी होगी।
बघेल ने कहा कि गौठान से मिले खाद की खरीदी राज्य सरकार करेगी। इससे गौठान समिति की आमदनी बढ़ेगी। गायों की देख-रेख के लिए राज्य सरकार गौठान समिति को हर महीने 10 हजार रूपये देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के बाद यह पहली सरकार है जिसमें हर छत्तीसगढ़िया महसूस कर रहा है कि उनकी अपनी सरकार है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के महान संत बाबा गुरू घासीदास एवं कबीर के संदेश का प्रभाव है कि हमारा प्रदेश शांति का टापू बना हुआ है।