छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के एक गांव के सरपंच ने आदिवासियों के राशन के बदले पचास रूपए का कर लगा दिया है। ग्रामीणों को पचास रूपए देने पर ही सरकारी दुकान से राशन दिया जा रहा है। ऐसे में कई लोग अपनी बेहद खराब स्थिति के चलते राशन लेने से वंचित रह रहे हैं।
बस्तर जिले के दरभा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कामानार गांव में ग्राम पंचायत ने फैसला लिया है कि जो ग्रामीण मकान का निर्धारित कर नहीं चुकाएगा, उसे राशन नहीं दिया जायेगा। गांव में गरीबी होने के चलते कुछ लोग इतना कर भी नहीं दे पा रहे हैं।
सरपंच माया राम नाग खुद सरकारी राशन दुकान को संचालित करते हैं। उन्होंने बताया कि हर मकान का कर 50 रूपए निर्धारित किया गया है। तभी राशन दिये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि इस कर के पैसे से गांव में क्या काम किया जाएगा, ये अब तक तय नहीं हो पाया है।
दरभा तहसीलदार पंकज सील ने कहा कि कामनार में कर वसूली के लिए जो उपाय किये गये हैं, वो गलत हैं। राशन रोकने की खबर पर उन्होंने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। नक्सली प्रभावित इलाके कामनार में केन्द्रीय सुरक्षा बल का एक कैम्प भी है।