नक्सलवाद के नासूर का दंश झेल रहे दंतेवाड़ा क्षेत्र के 50 से अधिक गांव ऐसे हैं, जहां बीते दो दशक से अधिक समय से नेता वोट मांगने जाने से कतरा रहे हैं। विधानसभा उपचुनाव में भी इन गांवों में वोट मांगने नेता नहीं जाएंगे क्योंकि राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता ही नहीं स्थानीय लोगों में भी यहां नक्सलियों की दहशत इस कदर हावी है कि कोई यहां घुसने की हिम्मत नहीं कर पाता।
हालांकि विधानसभा क्षेत्र के 273 में से करीब 250 मतदान केन्द्र नक्सल प्रभाव की दृष्टि से अति संवेदनशील और संवेदनशील की श्रेणी में रखे गए हैं लेकिन इनमें से कई इलाकों में प्रचार भले न ही कर सके पर वोट के लिए संदेश राजनीतिक दल भेजने में सफल हो जाते हैं।
दूसरी ओर कुछ गांव ऐसे हैं जहां वोट के लिए संदेश भेजना भी राजनीतिक दलों के लिए किसी गुनाह से कम नहीं है। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कई ऐसे मतदान केन्द्र रहे हैं जहां 10 से भी कम वोट पड़े थे।
यहां पड़े थे दस से भी कम वोट
पिछले विधानसभा चुनाव में 14 और लोकसभा चुनाव में 17 मतदान केन्द्र ऐसे रहे हैं, जहां दस से भी कम वोट पड़े थे। इन मतदान केन्द्रों में चिकपाल, मारजूम, बड़े गादम, गुड़से, तेलम, टेटम, सुरनार, जियाकोड़ता, हिरोली, पुरगेल, अलनार, गुमियापाल, समलवार, जबेली, नीलवाया, बुरगुम, मेड़पाल, मुलेर आदि हैं।
दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में बैलाडीला की पहाड़ी के नीचे बीजापुर जिले की सीमा, बारसूर के बाद इंद्रावती नदी के पार और सुकमा जिले की सीमा के करीब आने वाले गांवों में नक्सली दहशत काफी अधिक है। यदि कहा जाए कि यहां नक्सलियों का राज चलता है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
नक्सली यदि चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर दें तो स्थिति और भयावह हो जाती है। विधायक भीमा मंडावी की नक्सलियों द्वारा हत्या के बाद तो स्थिति और ज्यादा खराब है। नेताओं को सामान्य बैठक के लिए जिला अथवा ब्लाक मुख्यालय से बाहर निकलने पर पुलिस और प्रशासन को सूचित करना पड़ता है। पुलिस से हरी झंडी मिलने के बाद ही नेता मूवमेंट कर पा रहे हैं।
संवदिया और हाट-बाजार ही सहारा
अति नक्सल प्रभावित गांवों में वोट के लिए संदेश भेजने राजनीतिक दलों द्वारा संवदिया का सहारा लिया जाता है। ये संवदिया किसी दल के सदस्य नहीं बल्कि हाट-बाजार आने वाले सामान्य ग्रामीण होते हैं। जबसे नक्सलवाद की चपेट में यहां के इलाके आए हैं, यही एकमात्र जरिया मतदाताओं तक वोट की अपील पहुंचाने का रह गया है।