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हुजूर ने कंघी भी आजमाया, बत्ती भी बुझाया…जानें सत्‍ता के गलियारे का हाल

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 झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा को गिनती के दिन बाकी हैं। लिहाजा हर पार्टी अपने आप को मुकम्‍मल तैयारियों में झोंकी हुई है। नेता-कार्यकर्ता भी अपनी नीयत के हिसाब से दलों-दिलों को परखने में जुटे हैं। भाजपा के बड़े नेताओं के आगमन के बीच झामुमो ने हेमंत सोरेन की अगुआई में बदलाव यात्रा निकाल रखी है। कांग्रेस में भी सेनापति तय कर दिए गए हैं। झाविमो तन-मन से अपना कुनबा बढ़ाने में जुटा है। एक बार रणभेरी बजते ही दलों में टूट और उलटफेर की संभावनाएं भी बलवती है। आइए जानते हैं आखिर क्‍या कह रहा है झारखंड की सत्ता का गलियारा…

कंघी भी आजमाया, बत्ती भी बुझाया 
साहब का राजनीतिक अनुभव दशकों पुराना है। कई द्वार खटखटाने पर भी जब बेहतर चांस न मिला, तो अपने सिपहसालारों के साथ अलग दुनिया ही बसा ली है। अब जब वक्त शक्ति प्रदर्शन का आया, पूरे जहां को मुट्ठी में भर लेने का उद्घोष कर दिया। हजारों बाग वाले शहर से आने वाले राणा साहब की इस तेज चाल को देखकर बगलगीर चुटकी लेता है, कहता है अगल-बगल झांक तो लें हुजूर, तालाब में और भी मछलियां हैं। कंघी की मार्केट खत्म और लालटेन की बत्ती गुल हो चुकी है।

उड़नखटोले पर नेताजी 
माननीय भले ही कद में छोटे हैं, लेकिन काम बड़े-बड़े कर रहे हैं। हाल ही में संपन्न देश की सबसे बड़ी पंचायत के चुनाव में गजब की पलटी मारी थी। बड़े-बड़े लोगों के साथ उडऩखटोले पर उड़ रहे थे। अब माननीय अपने साथ कई और को उडऩखटोले पर उड़ाने का प्रयास कर रहे हैं। इस चक्कर में कभी एक बड़ी पार्टी के माननीय के ठिकानों पर चक्कर लगा रहे हैं, तो कभी फल छाप पार्टी के ठिकानों पर भी देखे जा रहे हैं। पहली वाली पार्टी ने उन्हें ललबतिया उपलब्ध कराई थी, इसे भी भूल गए हैं। खैर, राजनीति में यह सब जायज है। चर्चा तो है कि माननीय तो ललबतिया के प्रयास में ही यह सब कर रहे हैं।

एनकाउंटर बंद होना था, काउंटर नहीं 
हाथ वाली पार्टी का सबसे बड़ा काउंटर बंद-बंद सा है। पार्टी के लोकल बॉस अभी अपने कक्ष से दूरी बनाए हुए हैं, लेकिन जंबो टीम के अन्य सदस्य सक्रिय हो रहे हैं। बॉस ने आते ही कहा था कि किसी का एनकाउंटर नहीं होगा, लेकिन काउंटर बंद होगा, इसका अनुमान तो किसी ने लगाया ही नहीं था। साहब कहीं आने-जाने से भी कतरा रहे हैं। हां, जान-पहचान वालों के बुलावे पर इन्कार नहीं कर पाते। अभी हाल में ही एक पुराने दोस्त का आमंत्रण उन्होंने स्वीकार कर लिया है, लेकिन जो लोग काउंटर तक पहुंच रहे हैं, उन्हें कौन समझाए।